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वर्तमान साहित्य फरवरी, 2015 - आवरण व अनुक्रमणिका
पशु योनि के तोरण द्वार  - विभूति नारायण राय
'वर्तमान साहित्य' दिसम्बर  2014
बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है - विभूति नारायण राय
मेरे मन में अनेक विचार उठ-गिर रहे हैं - भारत भारद्वाज
फ़ासिज्म का जहर बड़ा मीठा होता है - विभूति नारायण राय | Fasijm, the Sweet Poison -  Vibhuti Narayan Rai
'वर्तमान साहित्य' अगस्त–सितम्बर, 2014 दुर्लभ साहित्य विशेषांक | Vartman Sahitya (Online) - Aug Sep 2014 [89]
नामवर सिंह से कवि केदारनाथ सिंह की बातचीत / Namvar Singh in Conversation with Poet Kedarnath Singh
 पद्मा विभूति नारायण राय का जन्मदिन | Padma Vibhuti Narain Rai's Birthday
भयानक समय सचमुच मूर्त रूप में हमारे सामने आन पहुचा है - विभूति नारायण राय | Dreadful Time is here - Vibhuti Narayan Rai
आवरण: ''वर्तमान साहित्य'' अगस्त-सितम्बर 2014 | Cover : ''Vartman Sahitya'' August-September 2014

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ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل