अठन्नी - लीना मल्होत्रा रॉव आत्ममुग्ध सदस्यों वाला वह हमारे सामने का घर था। ९० डिग्री पर लम्बवत। दरवाज़े उन दिनों खुले ही रहते थे, आते जाते उनके…
आगे पढ़ें »स्वर्गवासी राजेन्द्र यादव से संवाद प्रेम भारद्वाज यह एक अजीब सी जगह है। न रोशनी है, न अंधेरा। दिन है या रात, यह पता नहीं चल पा रहा है। धरती, आक…
आगे पढ़ें »बच्चों की दुनिया कितनी उनकी ? तीन वर्ष का बालक बन गया है सबसे छोटा अपराधी। इससे पहले 5 व उससे पहले 10 वर्ष का बालक सबसे छोटे अपराधी रह चुके हैं। …
आगे पढ़ें »काश! 'शकुंतला' का मंचन हो और हम इस्माइल चुनारा के साथ उसे देखें अजित राय इस्माइल चुनारा से पहली बार मैं नेहरू सेंटर लंदन में दिव्या माथ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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