दस्तख़त शीरीं-फ़रहाद, लैला-मजनू, जसमा-ओडन, देवदास-पारो आदि, त्याग, मृत्यु और समर्पण की लोमहर्षक कृतिया…
आगे पढ़ें »१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा क…
आगे पढ़ें »कवितायेँ: मीना चोपड़ा आनन्द मठ हाथों की वो छुअन और गरमाहटें बन्द है मुट्ठी में अब तक ज्योतिर्मय हो चली हैं…
आगे पढ़ें »अठन्नी - लीना मल्होत्रा रॉव आत्ममुग्ध सदस्यों वाला वह हमारे सामने का घर था। ९० डिग्री पर लम्बवत। दरवाज़े उन दिनों खुले ही रहते थे, आते जाते उनके…
आगे पढ़ें »स्वर्गवासी राजेन्द्र यादव से संवाद प्रेम भारद्वाज यह एक अजीब सी जगह है। न रोशनी है, न अंधेरा। दिन है या रात, यह पता नहीं चल पा रहा है। धरती, आक…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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