बच्चे रो रहे हैं...उनकी मेहनत और प्लानिंग बर्बाद हो गई, मगर ये नाकारा सरकार हमें लोगों को बांटने वाली सियासत के रास्ते पर चलाना चाहती है... अबक…
आगे पढ़ें »सुनो राजा: एक सुनो राजा तुम ही थे जो उछल-उछल कर पहुंच जाते थे सबसे ऊपर वाली सीढ़ी पर चिढ़ाते थे सबको यह कहकर तुम सब हार गए मैं जीत ग…
आगे पढ़ें »Hindi Poems - Prakash K Ray एक: आँखों से बही थी कविता सर्वप्रथम क़स्बे के अख़बार के आख़िरी अंक में बतौर संपादकीय छपी थी…
आगे पढ़ें »“अरे मेहरा जी, दस साल से मैं रीडर हूँ । अभी तक प्रोफेसर नहीं बना । पन्द्रह साल सहायक प्रवक्ता रहा हूँ और यह सुनिधि बारह वर्षों में ही रीडर बन …
आगे पढ़ें »प्रभात ख़बर : लिंक http://epaper.prabhatkhabar.com/1583315/KOLKATA-City/kol-city#page/8/2 प्रभात खबर: शास्त्रीय संगीत — भरत तिवारी …
आगे पढ़ें »कविता का विश्व — प्रकाश के रे विश्व कविता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं विभिन्न भाषाओं के महान कवियों की कुछ रचनाओं के अनुवाद. ये अनुव…
आगे पढ़ें »आकाश में झूठ की धूल — रवीश कुमार रवीश कुमार, मीडियाकर्मी और लेखक। एनडीटीवी-इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी सम्पादक। क्या हम किसी भय …
आगे पढ़ें »रुचि भल्ला रचना का जीवंत होना ज़रूरी है. रचनाकार उसे जन्म देता है और उसे ही यह देखना होता है कि उसकी कृति, कवि की कविता, लोगों से दूर नहीं …
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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