कविता में प्रत्येक शब्द और पंक्ति पर विचार करते हैं लेकिन कहानी में नहीं। कहानी की भी उसी तरह से व्याख्या होनी चाहिए | नामवर पर विश्व…
आगे पढ़ें »कभी पता तो करो कि सौ करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में तुम्हारी किताबों की पांच सौ प्रति छापकर वो जो जगत कल्याण कर रहा है, उसमें उसका काम कैस…
आगे पढ़ें »रेशम के लच्छे जैसी स्वर लहरियाँ | नामवर पर विश्वनाथ - 1 नामवरजी ने आलोचक के रूप में जितनी ख्याति पाई उतनी ख्याति वह कवि रूप में भी पा…
आगे पढ़ें »आलोकधन्वा की कविताओं का सार, संसार कवि को न पढ़े गए से पढ़ें! — सुधा सिंह आलोकधन्वा सन् सत्तर के दशक के महत्वपूर्ण कवि हैं। '…
आगे पढ़ें »अवैध डाटा चोरी से लोकतंत्र की रक्षा हो — शशि थरूर : 7 जून 2019, ब्यूरो यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है और मैं सरकार से यह निवेदन करत…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin