Photo credit: Monia Merlo (https://www.thegreengallery.com/en/issue-1/portfolio) साकुरा, मुझे फिर बुलाओ, मेरे पास आओ, एक अदृश्य चुंबन दो मुझे, …
आगे पढ़ें »और फिर वह हॅंसी फिर उभरी आश्वस्त करती / थोड़ा ताजा थोड़ा नम / ‘‘ और ठीक हो न / कुछ लिखते भी हो / मैंने पढ़ा था शायद.........’’ रघुवंश मणि की कविता…
आगे पढ़ें »अनुपम मिश्र की पुस्तक 'विचार का कपड़ा' की समीक्षा और चर्चा description वरिष्ठ आलोचक श्री रवींद्र त्रिपाठी के साथ, अनुपम मिश्र की पुस्…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग डिप्रेशन पर अपनी कहानी (Hindi Story on Depression) के बारे में बताते हुए कहती हैं, भारत में सच्चे मनोचिकित्सक नह…
आगे पढ़ें »यूनुस ख़ान की यह स्मृति-आख्यान मात्र एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि इरफ़ान ख़ान की आँखों और आत्मा से झाँकने की कोशिश है। उनके अभिनय, संघर्ष, और अदायगी…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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