Does art create a people? Social Engagement as Art Practice The first conversation of Art Articulations, the visual arts presentation of…
Professed reverence for a Babasaheb Ambedkar’s teachings and a deep attachment to the Manu-Smriti cannot co-exist .... Rajdeep Sardesai क…
अनुवाद ही दुनिया को जानने और दूसरी संस्कृति को समझते हुए अपनी संस्कृति के और करीब आने का जरिया है कहते हैं किसी बुद्धिजीवी से आमने-सामने ब…
नामवर विफलताएँ - 3 — अशोक वाजपेयी पढ़ें ! नामवर विफलताएँ - 1 नामवर जी ने कोई नई पत्रिका नहीं निकाली साहित्य के संस्थागत रूप की …
बलात्कार का मज़हब होता है ? — अभिसार Rape Religion & Politics आसपास नज़र दौडाएं… फेसबुक पर twitter पर… देखें कि बुलंदशहर बलात्कार प…
सुकृता पॉल कुमार की कवितायेँ — अंग्रेज़ी और रेखा सेठी अनुदित हिंदी In the Throes of Time The calendar buzzed Around my ears …
Cartoon courtesy : R Prasad जो राष्ट्रवाद लोगों में अलगाव पैदा करे, उसके क्या मायने हैं — अभिसार एक और विडियो, जिसमें कुछ लोग…
काश! सत्ता। सरकार और सिस्टम के भीतर धड़कने वाला कोई पुर्जा होता। — अजीत अंजुम उस पिता के बारे में सोचिए, जिसकी बेटी से साथ रेप हुआ…
रज़ा ने अंत तक कभी कला से अवकाश नहीं लिया — अशोक वाजपेयी लगभग साढ़े चौरानबे वर्ष की आयु में भारत के एक शीर्षस्थानीय चित्रकार सै…
हंस का ३१वां प्रेमचंद जयंती समारोह — श्रीमंत जैनेंद्र क्या लोकतंत्र का ये मतलब है कि जब गुड़गाँव में कुछ घंटे बारिश और जाम पर ख़बर दिखा…
Prof Namvar Singh's 90th Birthday Exclusive Ashok Vajpeyi's critical analyses of Prof Namvar Singh's work Part 2 of 3 …