कविताओं का होना, उनका लिखा जाना बर्बर समय में संवेदनाओं के बचे रहने का सुखद संकेत है। ऐसे ही संकेतों के बिम्ब सर्वेश त्रिपाठी की 'नई क़…
आगे पढ़ें »देहरादून के युवा लेखक इंजीनियर रोहन सक्सेना और उनकी छोटी हिंदी कहानी, क़िस्सा ' शहतूत ' का शब्दांकन के स्तंभ नई क़लम में स्वागत ह…
आगे पढ़ें »शर्मिला बोहरा जालान चित्रकार कहानीकार हैं। उनकी कहानियों का चित्रकार बड़ा है और उसका कैनवास भी। शर्मिला की कहानियाँ सम्हल-सम्हलकर, कलम से कसे गए…
आगे पढ़ें »वरिष्ठ आलोचक रवीन्द्र त्रिपाठी पुस्तक समीक्षा: राकेश तिवारी का उपन्यास 'फसक' Fasak - Novel by Rakesh Tiwari राकेश तिवारी का उ…
आगे पढ़ें »आज के इस संस्मरण के साथ विनोद जी ने कहा है कि यह अंतिम कड़ी है। मैं संस्मरण का घोर प्रेमी हूँ, मानता हूँ कि संस्मरण हमें वह बातें समझाते हैं…
आगे पढ़ें »प्रेमचंद के फटे जूते हरिशंकर परसाई Premchand’s Torn Shoes - Harishankar Parsai हरिशंकर परसाई "प्रेमचंद के फटे जूते" वरिष्…
आगे पढ़ें »रोम की यादें — विनोद भारद्वाज संस्मरणनामा न जाने क्या बात है इटली की स्त्रियाँ बहुत आसानी से मेरी दोस्त बन जाती हैं, उन्होंने मुझे इ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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