'जंगराइत' को पढ़कर लगा ...प्रज्ञा | Pragya on Krishna Bihari's Jangrait


जंगराइत को पढ़कर लगा ...

प्रज्ञा 

हाल में प्रकशित कृष्ण बिहारी की चर्चित कहानी 'जंगराइत' पर युवा कहानीकार प्रज्ञा की टिप्पणी
------------------------------------  


हंस के अप्रैल 2015 अंक में प्रकाशित कथाकार कृष्ण बिहारी की लम्बी कहानी “जंगराइत” हाल ही में पढ़ी । महानगरों की अनेक विडम्बनाओं पर आधारित कहानियों और भूमंडलीय यथार्थ की कहानियों से अलग इसकी कथावस्तु गाँव के इर्द-गिर्द रची है। गाँव अनन्त किस्सों की खान है और वहां नोनो और देवीशंकर तिवारी जैसे अनेक चरित्र बसे हैं। ऐसे चरित्र जो समय की धूल झाड़कर अपने साधारण जीवन के वैशिष्ट्य के साथ उभर आते हैं। जिन्हें पूरी तौर पर उभरकर आने का मौका इस कहानी से उनसे जुडी अनेक घटनाएं से मिला है। सामन्ती परिवेश में नोनो जैसे किरदार के समूचे जीवन के अनगिनत चित्र कहानी में साकार हुए हैं। रेखाचित्र की भांति पाठक के समक्ष बनता हुआ पात्र है नोनो । गाँव के ताने-बाने में विस्तार पाता, बोली में प्रामाणिकता से बढ़ता ये पात्र सारी घटनाओं के केंद्र में है । 



बचपन से लेकर अंतिम समय तक उसके जीवन के विविध सन्दर्भ कहानी में चलते आये हैं। उसका विवाह न करना, शारीरिक सौष्ठव और उसका श्रम, चरित्र की सादगी और लोगों का उसे ठगना। पर मुख्य बात है उसके अविवाहित होने का रहस्य। कहानी के भीतर नोनो की कथा सुनाते पात्र इस रहस्य को "एक रहस्यमयी फिल्म" की संज्ञा देते हैं। नोनो किसी गोरी के गीत गाता है। गायन की भंगिमा में उसकी भीगी हंसी उस गोरी का परिचय भी देती है, पर गोरी कहाँ हैं? कौन है? – कोई नहीं जानता। न कभी नोनो ने बताया और न कभी किसी ने उनसे कुरेदा ही। वह प्रेम की अंतर्लय को संजोये श्रम और दृढ़ता की प्रतिमूर्ति बने चलता रहा एक राह पर । सुलझी दीखती ज़िन्दगी में अबूझ पहेली- सा । अपने बैलों को बच्चों सरीखा पालना और विवाह न करने के लिए अड़ जाना – दो भिन्न मनोभावों के बीच उसकी कथा विस्तार पाती है.

नोनो के जीवन में प्रेम की कहानी का सन्दर्भ अंत में उसके वास्तविक बल को, आत्मबल को उद्धृत करता है। गाँव के नातों के बीच उस प्रेम की आदर्शमय हत्या और प्रेम की निशानी के रूप में कुँए के पास से उखाड़े दूब के चार कल्लों के साथ आजीवन प्रेम निभाते हुए अंतिम यात्रा में उन्हीं के साथ विलीन होने की ख्वाइश । प्रेम का यह पक्ष कहानी की गहरी मानवीय सम्वेदना को व्यक्त करता है। दरअसल प्रेम भी एक रहस्य सरीखा ही तो है कि सैंकड़ों के बीच में कोई एक ऐसा होता है जो जीवन से भी बड़ा हो जाता है। जब वो है तो वह मौजूद है और जब वो नहीं है तब भी वह मौजूद है। “उसने कहा था “ कहानी के लहना सिंह की याद दिलाता । 



जंगरइत ( लम्बी कहानी )  - कृष्ण बिहारी | Hindi Kahani 'Jangrait' by Krishna Bihari
www.shabdankan.com/2015/04/
hindi-kahani-jangrait-by-krishna-bihari.html
कहानी में गाँव देहात के नाते , शहरों के विस्तार में पीछे छूटते गाँव जैसे पक्ष भी कहानी को व्यापकता देते हैं। हालांकि वे सन्दर्भ कम ही हैं। और दोनों स्त्री चरित्रों- नोनो की माँ और छोटी बहन के सन्दर्भ भी कम ही आ पाए हैं कहानी में । गाँव के भीतर के राजनीतिक -आर्थिक समीकरणों के बजाय कहानी नोनो के चरित्र को घटनाओं की जीवन्तता के बीच रखती है । खास बात है अनन्त सम्भावनाये होते हुए भी ये किरदार कहीं भी छोटा और हास्यास्पद नहीं बनता। उसके व्यक्तित्व की गरिमा पाठक के संग चलती है। एक व्यक्ति के जीवन के अनकहे प्रसंगों के तमाम रेशे भी संग रहते हैं । 

एक अंतिम बात महानगरीय और भूमंडलीय यथार्थ के बीच आज भी गाँव कथाधारा को समृद्ध करते हैं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं - एक आकर्षक स्पन्दन, नौस्टेल्जिया और किस्सों –कहानियों के अद्भुत प्रसंग से लेकर उसका जटिल सामाजिक –राजनीतिक ताना –बाना भी। यही कारण है कि कथा बारबार गाँव से होकर गुजरती है चाहे हो या फिर पूरी राजनीतिक हलचलों के बीच रचा सत्य नारायण पटेल का इसी साल प्रकाशित उपन्यास “ गाँव भीतर गाँव” हो ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل