कृष्णा सोबती 'नए साल की देहरी पर'

 कृष्णा सोबती 'नए साल की देहरी पर' जनसत्ता 1 जनवरी 2013:

 




साल के पहले दिन, जनसत्ता के मुखपृष्ठ पर, हम-सब की व्यथा को, भारत के महामहिम राष्ट्रपति के सामने रखने के लिये, "शब्दांकन", श्रीमती कृष्णा सोबती व जनसत्ता का आभारी है


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1 टिप्पणियाँ

  1. 'आज की पढ़ी लिखी युवतियां 'लिपि पुती ' इकाई नहीं, आज़ादी के बाद संविधान से मिले अधिकारों के अनुरूप वे व्यक्ति की संज्ञा अर्जित कर चुकी हैं...'
    ऐसी उर्जा आप ही भर सकती हैं आज की जनशक्ति में ! धन्यवाद् !

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