तारीखी तस्वीर — मुकेश भारद्वाज आमार शोनार बांग्ला, आमि तोमाए भालोबाशी. (मेरा सोने जैसा बंगाल / मैं तुमसे प्यार करता हूं) ...रवी…
कब तक — वीणा शर्मा अरस्तु का कहना है कि समस्या से भागना कायरता है, आत्महत्या भले ही मृत्यु के समक्ष बहादुरी है लेकिन इसका उद्देश्य गलत …
“तुम जिसे खिलाने की कोशिश कर रहे हो, मेरा नाम वही है। इसकी उत्तेजना मत बढ़ाओ। इतना मत छुओ इसे, डालियां गर्भवती हो जाएंगी।” Romantic Hind…
खामोश, विज्ञापन जारी है.... अशोक गुप्ता मानवीय संवेदना और अस्मिता के सामने यह एक बर्बर और विरोधी समय है, और इसकी लगाम पूरी …
शिक्षामंत्री ही जहाँ अनैतिक फरजीवाड़े में मुब्तिला हो, वहाँ शिक्षा का हश्र क्या होगा? - ओम थानवी स्मृति ईरानी के फरजीवाड़े की बात निक…
प्रधानमंत्री के नाम चिट्ठी - पी. चिदंबरम प्रिय प्रधानमंत्री महोदय, मैं एक मामूली नागरिक हूं। एक मामूली परिवार से आता हूं, मामूली पढ़…
अनदेखी की आग - भरत तिवारी जनसत्ता 'दुनिया मेरे आगे' 1 मई 2015 में प्रकाशित लेख । लिंक ... न सिर्फ आग पहले से जल रही थी ब…
सौंदर्य के प्रतिमान जनसत्ता पिछले हफ्ते राज्यसभा में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा छब्बीस फीसद से बढ़ा कर उनचास फीसद करने के लिए पे…
अगर हम साहित्य अकादमी के क्रियाकलापों पर नजर डालें तो यह देखकर तकलीफ होती है कि वहां किस तरह से स्वायत्ता के नाम पर प्रतिभाहीनता को बढ़ावा दिया जा …
मोदी और दलित तुलसी राम मोदी का संघ परिवार तर्क देता है कि दलितों के आरक्षण से सवर्णों के साथ अन्याय होता है. इसलिए आरक्षण समाप्त करके …