एक विचित्र चित्र शब्दों को सँजोता संवेदनशील मन की लड़ियों में रेखाएँ काढ़ता तूलिका साधता रंगों को करता संयोजित बना देता अनायास ही चित्र जो…
आगे पढ़ें »विदग्ध रंगमय आकाश में एक सलेटी चन्द्रमा मनोज कचंगल की कला में उपस्थित जिस तत्त्व ने मुझे शुरू से आकर्षित किया, वह है - विनम्र सादगी। मनोज के च…
आगे पढ़ें »हमारी स-प्रमाण गर्वोक्ति अशोक गुप्ता इस आलेख के आवेग में वरिष्ट विचारक अजित कुमार एवं अर्चना वर्…
आगे पढ़ें »काश कि पहले लिखी जातीं ये कविताएं - प्रियदर्शन एक वह एक उजली नाव थी जो गहरे आसमान में तैर रही थी चांदनी की झिलमिल पतवार लेकर कोई ता…
आगे पढ़ें »पेंशन का रिश्ता -अमिय बिन्दु दीपू की चीख सुनकर किरन की अचानक नींद खुल गई। समझ नहीं पाई, यह कोई सपना था या हकीकत। अधखुली आँखों…
आगे पढ़ें »जिस बंदे ने मेरा जीना-मरना एक कर दिया है उसका नाम है, रवि। जी हां रवि, मगर मैं उसे रवी कह कर पुकारती हूं, छोड़िए मेरा क्या, मैं तो उसे जाने क्या क्य…
आगे पढ़ें »आनर किल्लिंग: शादी की आज़ादी अगर न्याय के पहरेदारों और कानून के बीच टकराहट होती रहेगी, तो जाति और धर्म के सांकल में जकड़ी शादियां आजाद कैसे हो प…
आगे पढ़ें »अनामिका चक्रवर्ती की कवितायेँ ये जीवन यथार्त और परछाईयों में, एक…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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