क्या कोई फ़लक पर चाँद रखने आ रहा है?
गुलज़ार
दियारे शब में क्या कोई फ़लक पर चाँद रखने आ रहा है ?
किसी आशिक़ के आने की ख़बर है ?
या कोई माशूक़ आया है ?
कोई पत्थर हटा है ग़ार से क्या ?
किसी मरियम के दरवाज़े पे फिर दस्तक हुई क्या ?
नजूमी क्या सितारों का तअक्कुब कर रहे हैं ?
या गड़रिये ने किसी बिछड़ी हुई एक भेड़ को आवाज़ दी है ?
मरीज़े-शब अभी तक हिचकियों पर है
न कोई ज़ख्म की पट्टी बदलने आया और न ही दवा बदली
तो क्या बदला था कि तारीख़ बदली है, बरस बदला ?
बोस्कियाना, पाली हिल, बान्द्रा (पश्चिम), मुम्बई-400050
साभार नया ज्ञानोदय
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