वर्तिका नन्दा की कवितायेँ : Vartika Nanda ki Hindi Kavita


अच्छे दिन आ गए हैं

सत्ता बदल गई है
आवाजें भी, चेहरे भी
शब्दनाद भी, शंखनाद भी
सत्ता के गलियारे में
नए दमकते चेहरों की आमद हुई है
हर सत्ता
कुछ प्रार्थनाओं के तीर्थ में ही
सपनों को यथार्थ बना पाती हैं
लेकिन
देहरी से बाहर फेंक दी जाती हैं जब प्रार्थनाएं
तो उन्हें आहों का गोला बनने में भी समय कहां लगता है
सत्ताएं जब अच्छे दिनों की बातें करती हैं
मन की कंपन भी उत्साह से बढ़ती है आगे
घर के सामने के पेड़ से झर चुके पत्ते भी
जी उठना चाहते हैं फिर से
डरा मन
झूमने लगता है उम्मीदों के भरे-भरे बादलों से
पर औरतें अच्छे दिनों के वादे से सहरती भी हैं
दिन जो भी हों, बस,
भरोसा और इज्जत बनाए रखें
चूल्हे की रोटी
मन की शांति
फरेब से मुक्ति
आसमान का एक टुकड़ा मुट्ठी में भर
चांद से बचपन की कहानी कह सकने
और मारे जाने की धमकी से
बची रहे अगर मजबूर औरत की मजबूती
तो अच्छे दिन दूर कहां

उम्मीदों से भरे दिन
कितने अच्छे होते हैं दिन


वो हैं यूपी के राजा  

पेड़ पर दो लड़कियों के शव लटके हुए मिले
उनके साथ बलात्कार हुआ था
फिर उन्हें मार डाला गया –
यह टीवी और अखबार की खबर है
कोई भी खबर
असल में खबर का सिर्फ सिरा ही तो देती है
उससे आगे कहां जा पाती है वो
खबर कहां बता पाई बदायूं की उन दो लड़कियों का दर्द
खबर कहां कह पाई कि बड़े नेता ने कुछ ही दिन पहले कहा था
लड़कों से हो जाती हैं गलतियां
इन लड़कियों के शरीर से बाहर रिसते
भीगे दुख के बावजूद
पत्थर ही बने रहे बड़े नेता के साहबजादे
जब लड़कियां लटका दी गईं सीधे पेड़ के ऊपर
और पेड़ की मिट्टी में दबा दी गई
उनके परिवार की हंसी की अगरबत्तियां
तब सियासत गाती रही अपने पुराने पिटे हुए गान
लड़कियां लटकी रहीं पेड़ पर
पुलिस पूछती रही जात
पिटती रही मां
और धर्म और शर्म
घूंघट लिए खड़े रहे चौराहे के सामने लगे लोकतंत्र के पेड़ के नीचे।
यह लड़कियां ही नहीं हैं
जिनके लटके पड़े हैं शव
यह भविष्य हैं उन लड़कियों का जिनके पिता न नौकरशाह, न नेता
ये शव तमाचा हैं
उन सरकारी पोस्टरों पर
जो कहते हैं – लड़कियां इस देश की धरोहर हैं
जो हाथ इन लड़कियों को लटका गए होंगे पेड़ पर
उन पर थूकने का भी मन नहीं
बेवजह बर्बाद होगा थूक
पर हां, बेकार नहीं जाएंगीं
इन लड़कियों की घोंटी हुई चीखें
यह याद रखना।

संपर्क : Vnandavartika@gmail.com

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
कहानी : भीगते साये — अजय रोहिल्ला
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
काली-पीली सरसों | ज्योति श्रीवास्तव की हिंदी कहानी | Shabdankan
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'