अगर प्रधानमंत्री जिद्दी हैं तो मैं उनसे ज्यादा जिद्दी हूं #Swati4India



स्वाति का ऐलान, जब तक पीएम मेरी मांगें नहीं मानेंगे तब तक नहीं तोड़ूंगी अनशन

अनशन के सातवें दिन गुरुवार को स्वाति राजघाट वील चेयर पर पहुंचीं• नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली (Surender Kumar)


स्वाति जयहिंद अपने अनशन के सातवें दिन रोज की तरह सुबह-सुबह राजघाट गईं, लेकिन गुरुवार को वील चेयर पर पहुंची थी। स्वाति नाबालिगों से रेप के मामले में छह महीने के भीतर फांसी देने की अपनी मांग पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री जिद्दी हैं तो मैं उनसे ज्यादा जिद्दी हूं, जब तक वह मेरी मांगें नहीं मानेंगे, तब तक मैं अपना अनशन नहीं तोड़ूंगी।


उन्होंने अनशन में आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के लंदन में दिए गए बयान की निंदा की। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि राजनीति कौन कर रहा है/ यह बहुत दुख की बात है कि जब पूरा देश इन घटनाओं पर गुस्से में उबल रहा है... महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं और प्रधानमंत्री एक और बयान दे रहे हैं। वह रोज एक बयान दे देते हैं या भाषण देते हैं, लेकिन वह देशवासियों के मन की बात नहीं सुन रहे हैं। आज देश हमारे प्रधानमंत्री से कार्रवाई चाहता है, कोई बयान या भाषण नहीं। सीपीआई नेता डी. राजा भी अनशन के सातवें दिन समता स्थल राजघाट पहुंचे। राजा ने स्वाति को भरोसा दिया कि वह इस मुद्दे को मॉनसून सत्र में संसद में उठाएंगे।

1 महीने की बच्ची के साथ अनशन पर बैठी महिला
रेप के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर मंडावली स्थित रेलवे कॉलोनी की महिलाएं भी क्रमिक अनशन पर हैं। वह स्वाति जयहिंद को समर्थन दे रही हैं। अनशन 'मेरी आवाज सुनो' संस्था के बैनर तले हो रहा है। क्रमिक अनशन पर रोज कॉलोनी की एक महिला बैठती है और सैकड़ों उनका समर्थन करती हैं। गुरुवार को अनीता पौडियाल ने 1 महीने की बच्ची के साथ अनशन किया।



(नवभारत टाइम्स से साभार)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل