कहानियाँ जो आपकी सोच बदल देगी! Short Motivational Story In Hindi


Short Motivational Story In Hindi

Hindi Motivational Story: 

मोटिवेशनल स्टोरी: वो कहानियाँ जो आपकी सोच बदल देगी! Hindi Motivational Story






ममता कालिया की कहानी पीठ, दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) | बेवजह शक बेवजह कुंठाग्रस्त करता है

ममता कालिया की कहानी 'पीठ'

बेवजह शक बेवजह कुंठाग्रस्त करता है

ममता कालिया जी को हिंदी कथाप्रेमी यों ही नहीं हाथों-हाथ लिए रहता उनकी यह कहानी 'पीठ' साहित्य लेखन के दर्पण-सी है उन्होंने हमें यह दिखाते हुए कि बेवजह शक हमें बेवजह कुंठाग्रस्त करता है, सावधान किया है  पहले पाठ के बाद लगा कि यहाँ तो उपन्यास लिखा जाना चाहिए था लेकिन फिर समझ आया कि उन्होंने कैसे गागर में सागर चरितार्थ किया है बहुत खूबसूरत चित्रों से सजाया है, ममता कालिया जी के कहानीकार ने 'पीठ' को इसलिए आपसे निवेदन है कि निहारते हुए पढ़िएगा।...पढ़े: मोटिवेशनल स्टोरी 'पीठ'




धर्मवीर भारती—कहानी—गुलकी बन्नो | 'Gulki Banno' Dharamveer Bharti Short Stories in Hindi

गुलकी बन्नो: धर्मवीर भारती


प्रतियोगिता का दबाव और कहानी — तो परियां कहां रहेंगी — आकांक्षा पारे काशिव

प्रतियोगिता का दबाव और कहानी

तो परियां कहां रहेंगी

100% पढ़ी जाने वाली और 101% तसल्ली बख्श कथा है आकांक्षा पारे काशिव की 'तो परियां कहां रहेंगी'। ज़िन्दगी की वह जंग जो एक सन्तान प्रतियोगिता का दबाव झेलते हुए अपने मातापिता की चाहत पूरी करने के लिये अपनी इच्छाओं वाली ज़िंदगी से लड़कर उसे हराकर और खुद हारकर जितनी पड़ती है, को देखकर आकांक्षा लिखती हैं 'जब वह जीवाश्म बनेगी तो दिल भी जीवाश्म बनेगा और जीवाश्म की कोई भावनाएं नहीं होतीं। जीवाश्म को किसी कसौटी पर खरा भी नहीं उतरना पड़ता।' अच्छा लगता है कि  उनके यहाँ कथाकर न सिर्फ  अपने बाल और युवा पाठक की गहरी पीड़ा समझता है बल्कि साथ ही अपने किंचित वरिष्ठ पाठक को देव और दानव की लड़ाई में परी को भुला न देने की समझ और आवश्यकता भी बतलाता है।... पढ़ें Motivational Story In Hindi तो परियां कहां रहेंगी



"सांता क्लाज हमें माफ कर दो"

सच्चिदानंद जोशी

अभी बड़े दिन पर डॉ सच्चिदानंद जोशीजी का सन्देश आया जिसमें "सांता क्लाज हमें माफ कर दो" कहानी के पाठ का लिंक था. कहानी सुनते हुए अवाक् था...जिसके ख़त्म होने पर बताया गया कि बाकि का अंश इस शनिवार आएगा. क्योंकि कहानी पूरी तरह सामायिक है,  मुझे लगा कि यह उनकी बिलकुल नई कहानी है. जोशीजी ने बताया कि यह उन्होंने कोई पंद्रह वर्ष पहले लिखी थी. और यह जानते ही कहानी का शब्दांकन पर आना तय किया था. मुझे नहीं पता कि इस कहानी पर पाठकों और हिंदी ने तब क्या कहा था लेकिन यह पता है कि "सांता क्लाज हमें माफ कर दो" ने न सिर्फ़ मेरी आँखों को अब, आज के दौर के रूबरू रखते हुए, नम किया है बल्कि जोशी जी के लेखन के प्रति मेरे सम्मान को भी बढ़ाया है...  पढ़ें Motivational Story In Hindi "सांता क्लाज हमें माफ कर दो"






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