देह व्यापार हो या बलात्कार, हम हायतौबा भी अपनी सहूलियत और अपने एजेंडा के हिसाब से मचाते हैं। मेरे शहर में कोई बलात्कार हुआ तो मैं दुःखी हो…
आगे पढ़ें »अरुंधति रॉय इन हिंदी — स्वतंत्र किन्तु जाति व्यवस्था में आकंठ डूबा भारत राष्ट्र — एक था डॉक्टर एक था संत कि क्याक्या गाँधी नही थे और क…
आगे पढ़ें »किसी को साम्प्रदायिक कहने का मतलब है एक अंतहीन बहस निमंत्रित करना — अभय कुमार दुबे अभय कुमार दुबे की किताब 'सेकुलर/सांप्रद…
आगे पढ़ें »पुस्तक समीक्षा साहित्य और समाज के लोकतान्त्रिककरण की प्रक्रिया का नया आख्यान ‘मुस्लिम विमर्श : साहित्य के आईने में’ एम. फिरोज खान की नई …
आगे पढ़ें »अनुभूत मनोदशाओं का एक दस्तावेज़ "पराया देश" देवी नागरानी प्राण शर्मा हिंदी के लोकप्रिय कवि और लेखक हैं, गीत एवम ग़ज़ल के जाने माने ह…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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