हंस – एक अंजुमन जिसमे जाना था बारबार रवींद्र त्रिपाठी राजेंद्र यादव के बारे में कहां से बात शुरू करूं? शुरू से शुरू करूं या अंत से? शुरुआत तो …
आगे पढ़ें »वो रात अनामिका चक्रवर्ती हाँ कड़कड़ाती ठंड की वो भयानक रात जब भी याद आती है तो रूह तक कांप जाती है। जब, सब अपने घरो में रजाई की गर्मी में सुक…
आगे पढ़ें »यथार्थवाद और नवजागरण : व्यक्ति की महानता की त्रसद परिणति-कथा - अमिताभ राय चंद्रधर शर्मा गुलेरी के अनुसार उनके समकालीन दो प्रकार की र…
आगे पढ़ें »नारी सशक्तिकरण: नया विमर्श कद्र अब तक तेरी तारीख ने जानी ही नहीं, तुझ में शोले भी हैं बस अश्कफ़िशानी ही नहीं, तू …
आगे पढ़ें »मैंने अपना मोबाइल उठाया है, राजेंद्र जी और फोनबुक में आपके नाम तक पहुंची हूं। वह चमक रहा है, लग रहा है अभी उस नंबर से घंटी बजेगी और आप बोल पड़ेंगे। …
आगे पढ़ें »किसी के जाने से समय रुकता नहीं, साहित्य भी समय सा ही गतिमान, समय सा निष्ठुर कहाँ किसी के आने जाने से विचलित हुआ है, किंतु राजेन्द्र यादव का आना और अ…
आगे पढ़ें »लगभग 7-8 साल पहले प्रेस क्लब जयपुर में उन्हें सुना, उनकी बातें जेहन में आज भी है, उतर गईं थीं दिल तक । राजेन्द्र यादव जी ने कहा था - " …
आगे पढ़ें »यूं तो मनीषा के परिचय में काफी चीजें कही जा सकती हैं। वो पेशे से पत्रकार हैं, राइटर हैं, ब्लॉगर हैं, फेसबुक पर स्त्रियों की उभरती हुई सशक्त आव…
आगे पढ़ें »इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम सब सचिन को पसंद करते हैं। किन्तु ये भी एक सच है कि क्रिकेट में बीते दिनों से शुरू हुए अ-जेंटलमैनपन का लगातार बढ़ते जा…
आगे पढ़ें »" सत्य बोलने का कोई समय नहीं होता । सत्य बोलने का जो समय चुनता है वो सत्य नहीं झूठ बोलता है । " अध्यादेश फाड़ने के बाद से राहुल गांधी रा…
आगे पढ़ें »अभी कुछ ही दिन पहले हमारे सामने एक परिदृश्य था जिसमें आसाराम बापू के चारों ओर उनके भक्तों का कवच इतना अभेद्य था, मानो वह कवच ही अपने में एक समग्र सं…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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