स्वर्गवासी राजेन्द्र यादव से संवाद प्रेम भारद्वाज यह एक अजीब सी जगह है। न रोशनी है, न अंधेरा। दिन है या रात, यह पता नहीं चल पा रहा है। धरती, आक…
आगे पढ़ें »बच्चों की दुनिया कितनी उनकी ? तीन वर्ष का बालक बन गया है सबसे छोटा अपराधी। इससे पहले 5 व उससे पहले 10 वर्ष का बालक सबसे छोटे अपराधी रह चुके हैं। …
आगे पढ़ें »...जब कि ज़रूरत इसी बात की है अशोक गुप्ता जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 एक बार फिर चर्चा में है और इस बार इसको हटाने का प्रस्ताव नरेंद्र म…
आगे पढ़ें »तेज़ाब हमलों के खिलाफ़ सुलच्छन चच्चा की साइकिल यात्रा बम संकर टन गनेस के लेखक राकेश कुमार सिंह उन विलक्षण इंसानों में से एक है जो ज़मीन स…
आगे पढ़ें »नहीं .......अब नहीं कोसना तुम्हें - वंदना गुप्ता नहीं .......अब नहीं कोसना तुम्हें बहुत हो चुका आखिर कब तक एक ही बात बार - बार दोहराऊ…
आगे पढ़ें »संसद का बदलता स्वरूप: बहस के प्रति उदासीनता श्वेता यादव “किसी कार्यशील एवं जीवंत लोकतान्त्रिक समाज में सूखा पड़ सकता है, पर दुर्भिक्ष नहीं पड़…
आगे पढ़ें »सिनेमा और हिंदी साहित्य इकबाल रिज़वी भारत में फिल्मों ने 100 वर्षों की यात्रा पूरी कर ली है । दरअसल वह अपने दौर का सबसे बड़ा चमत्कार था जब हिलत…
आगे पढ़ें »डेनिस मुकवेगे - विश्व की रेप-राजधानी का डॉक्टर अंजुम शर्मा हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ‘डेनिस मुकवेगे’ का नाम दूसरी बार नामांकित क…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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