नमिता गोखले के उपन्यास 'थिंग्स टू लीव बिहाइंड' को पढ़ने के बाद — उर्मिला गुप्ता की पाठकीय समीक्षा शब्दों का बहता दरिया ह…
आगे पढ़ें »भक्ति काव्य में कई आवाजें हैं और इनको सुनना आलोचक का काम है पांच भक्त कवि — मुरली मनोहर प्रसाद सिंह समीक्षा — रवीन्द्र त्रिपाठी भक…
आगे पढ़ें »हिंदी में कला आलोचना की कोई दिशा नहीं रह गई है हिंदी में कला पर किताबें सुंदर ढंग से नहीं छपती “हिंदी में कला आलोचना इतनी बोझिल होती है…
आगे पढ़ें »अनिरुद्ध उमट का नया काव्य-संग्रह ‘तस्वीरों से जा चुके चेहरे’ — डॉ. कौशलनाथ उपाध्याय कवि-कथाकार अनिरुद्ध उमट के नए काव्य-…
आगे पढ़ें »Namvar hone ka arth : Alochana ka Vatvriksh Swapnil Srivastava नामवर होने का अर्थ: आलोचना का वटवृक्ष स्वप्निल श्रीवास्तव उनके …
आगे पढ़ें »लौटना है फिलवक्त जहाँ हूँ — अनिरुद्ध उमट "कोई कवि यशः प्रार्थी कवि है या नहीं, इसे जाँचने की मेरे पास एक ही कसौटी है। यदि वह मुझ स…
आगे पढ़ें »पाठक के लिए किसी संस्कृत शब्द का अर्थ समझना कठिन नहीँ होता, बल्कि दुरूह वाक्य रचना अर्थ ग्रहण करने मेँ बाधक होती है — अरविंद कुमार …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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