राजेन्द्र यादव जी के कमाल को समझना तकरीबन नामुमकिन है लेकिन प्रिय लेखक प्रियदर्शन का यह लेख यादवजी के कमाल को बहुत पास से दिखला गया। ~ सं0
जब आप कोई कहानी पढ़ना शुरू करें और उस कहानी का कहानीपन आपको पकड़ ले तब आप उस कहानी के लेखक को शुक्रिया ज़रूर कहें. शुक्रिया अचला बंसल जी. गजब कहानी कही…
फिर उसी अनजान नंबर से संदेश है- 'आपको मेरा नाम कैसे मालूम? आप कवि हैं या ज्योतिषी? कैसे पता चला कि मेरा नाम .... प्रियदर्शन की कथाशैली …
जब मज़ाक ही है, हिंदी तो मज़ाक ही सही...लेकिन याद रहे महँगा पड़ता है हिंदी: सम्मान-व्यापार सम्मान घोषणा विजय वर्मा कथा सम्मान, सामान और अ…
घर चले गंगाजी? प्रियदर्शन गंगा जी बेहद मामूली आदमी हैं- इतने मामूली कि उनकी कहानी नहीं बन सकती। इसके बावजूद मैं उनकी कहानी लिखने …
समय को समझने की कुछ और कोशिशें प्रियदर्शन की कवितायेँ एक समय वह अदृश्य झरना है जो हमारे आंसुओं से बनता है बेआवाज वह अनुपस्थिति …
बांयें से प्रो० पुरुषोत्तम अग्रवाल, प्रियदर्शन, सुश्री सुमन केशरी व भरत तिवारी ए क जन्मदिन पर डॉक्टर इवा हजारी की याद मुझे नहीं मालूम डॉ इवा…
संसार की रहस्यमयताओं को खोलती प्रियदर्शन की कविता यह जो काया की माया है हाथ ये हाथ हैं जिन्होंने हमें आदमी बनाया-…