तीन ग़ज़लें- एक बह्र प्राण शर्मा 1 कानों में रस सा घोलती रहती हैं बेटियाँ मुरली की तान जैसी सुरीली हैं बेटियाँ क्योंकर न उनको सीन…
गुलज़ार की बातें करें... आइये यतीन्द्र मिश्र की बातें सुनें मीलों से दिन छोड़ आए सालों सी रात ले के चले यतीन्द्र मिश्र बहुत ख़ूबसूरत है हर…
जगजीत एक बोछार था वो ... गुलज़ार एक बोछार था वो शख्स, …
वाणी न्यास की स्थापना वाणी प्रकाशन 26 जुलाई, 2014, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नयी दिल्ली। वाणी न्यास की स्थापना तथा वाणी प्रकाशन की 50 वीं …
कुछ तो जानें , कुछ तो मानें अपनी उस नादानी को कैसे खोया हम ने अपने घर के दाना - पानी को अपने को पहचान न पाये ,…
वो भूली दास्तां ... एक रात हुआ कुछ ऐसा - कि मेरे बिस्तर पर लेटते ही और नींद के आने से पहले, एक नज़्म उतर आई, मेरी इन बंद आँखों में। पहले कुछ …
सोनरूपा विशाल एम.ए (संगीत), एम.ए (हिंदी), पी .एच . डी आई सी सी आर एवं इंडियन वर्ल्ड कत्चरल फोरम (नयी दिल्ली ) द्वारा गजल गायन हेतु अधिकृत बद…
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जब भी खाने को दौड़ी है तन्हाइयाँ मेरी इमदाद को दौड़ी आती ग़ज़ल ग़मज़दा जब हुई, पास आती ग़ज़ल गुदगुदा कर है मुझक…
जिन गुलज़ार के साथ फोटो खिंचाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है वे केदारजी के साथ फोटो खिंचवाने का इसरार कर रहे थे। केदारनाथ सिंह के बारे में उदय…
क्या कोई फ़लक पर चाँद रखने आ रहा है? गुलज़ार दियारे शब में क्या कोई फ़लक पर चाँद रखने आ रहा है ? किसी आशिक़ के आने की ख़बर है ? या को…
१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा क…