संसार की रहस्यमयताओं को खोलती प्रियदर्शन की कविता यह जो काया की माया है हाथ ये हाथ हैं जिन्होंने हमें आदमी बनाया-…
आगे पढ़ें »शादी के पहले प्राण शर्मा - सुसन, मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ। - मैं भी तुमसे बेहद प्यार करती हूँ - हमें एक दूसरे से मिलते हुए दो साल हो …
आगे पढ़ें »भारतीय मुसलमान और 2014 का आम चुनाव - शमशाद इलाही शम्स (कनैडा) यह भारत का पहला ऐसा चुनाव है जिसके एजेंडे से 20 करोड़ मुसलमान और 20 करोड़ दलित आबा…
आगे पढ़ें »मैं सेफ सीट का खेल नहीं खेल रहा - अरविंद केजरीवाल - सिद्धांत मोहन तिवारी समय तुरत-फुरत बदलावों का है। इस बदलाव भरे समय में बनारस की जनता ने म…
आगे पढ़ें »सेलेब्रटिंग कैंसर! - विभा रानी धन तो आप कहीं से भी जुटा लेंगे, लेकिन मन की ताकत आप सिर्फ अपने से ही जुटा सकते हैं। …
आगे पढ़ें »चौं रे चम्पू थाई पुण्यवी की अल्पना —अशोक चक्रधर —चौं रे चम्पू! कब लौटि कै आयौ बैंकाक ते? —कल रात ही लौटा हूं। तीन दिन पहले वहां एक…
आगे पढ़ें »Sheen Kaaf Nizam at Sabad- A World Poetry Festival by Sahitya Akademi & Ministry of Culture
आगे पढ़ें »तुम्हीं कहो कि यह अंदाज़े गुफ़्तगू क्या है विस्थापन और बेदखली की मारी अपनी सदी में वे ऐसे बहुत कम ख़ुशक़िस्मत लोगों में थे जो अपने पिता के बना…
आगे पढ़ें »अनजाने पते प्रज्ञा पाण्डेय कहीं दीप जले कहीं दिल। ---- ज़रा देख ले आके ओ परवाने , तेरी कौन सी है मंजिल ' गीत का अर्थ समझते घर पहुंचते-पहुंचत…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin