ह र शहर में अकेली औरतो का एक झुंड होता है जो एक वृत्त बनाकर एक दूसरे के साथ जीती मरती हैं। उनके लोक में किसी के ब्यायफ्रेंड की घोषणा किसी धमाके से …
आगे पढ़ें »मन्नू भंडारी की कहानी 'अकेली' नारी के अकेलेपन और समाज में उसकी स्थिति पर गहरी टिप्पणी करती है। सोमा बुआ की यह कथा न केवल एक महिला के जीवन …
आगे पढ़ें »जाता हूं और अकेले एक कप कॉफी लेकर कॉफी हाउस में बैठा रहता हूं। बाहर किसके लिए झांकता रहता हूं जबकि सब लोग एक-एक करके निकल गए। किस…
आगे पढ़ें »हिंदी में मासकॉम - भरत तिवारी ‘हिंदी मीडिया’, ‘हिंदी और मीडिया’, ‘मीडिया में हिंदी’... इस ‘मीडिया’ शब्द को जब-जब ‘हिंदी’ के साथ लिखा देखता…
आगे पढ़ें »राग देश यह भारत के मुसलमानों का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि उनका नेतृत्व हमेशा कठमुल्ला उलेमाओं के हाथ में रहा है, जो ख़ुद अपनी आदिम गुफ़ाओं में …
आगे पढ़ें »पंजा लड़ाने का शौक रखने वाली आशिमा आईआईएमसी से पढाई करने के बाद, महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर स्वतन्त्र लेखन करती हैं। आशिमा नियमित रूप से दैनिक जाग…
आगे पढ़ें »कहानी नास्तिक अशोक मिश्र बरसात का मौसम था। राकेश को कॉलेज से निकलने में काफी देर हो गई। घर पहुंचते-पहुंचते अंधड़, चमक और गरज के साथ बार…
आगे पढ़ें »चौं रे चम्पू भैंस का एक कान गया अशोक चक्रधर —चौं रे चम्पू! बजट में किसानन के तांईं कछू नायं कियौ का? —किया है, लेकिन दूसर…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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