'वर्तमान साहित्य' दिसम्बर  2014
कहानी- नये साल की धूप : सुभाष नीरव
बीते हुए दिन कुछ ऎसे भी थे - राजेन्द्र राव
कहानी: शोभा - प्राण शर्मा
कहां है हिंदी का बेस्ट सेलर? - मनीषा पांडेय
कहानी: भीतरी सांकल - बलराम अग्रवाल
बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है - विभूति नारायण राय

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समीक्षा: अँधेरा : सांप्रदायिक दंगे का ब्लैकआउट - विनोद तिवारी | Review of writer Akhilesh's Hindi story by Vinod Tiwari
वैनिला आइसक्रीम और चॉकलेट सॉस - अचला बंसल की कहानी
जंगल सफारी: बांधवगढ़ की सीता - मध्य प्रदेश का एक अविस्मरणीय यात्रा वृत्तांत - इंदिरा दाँगी
समीक्षा: माधव हाड़ा की किताब 'सौनें काट न लागै  - मीरां पद संचयन'  — मोहम्मद हुसैन डायर | MEERAN PAD SANCHAYAN
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh
सेकुलर समाज में ही मुसलमानों का भविष्य बेहतर है - क़मर वहीद नक़वी | Qamar Waheed Naqvi on Indian Muslims
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