अनामिका शालीन महिला हैं. अगर वह जरा भी टेढ़ी हो जाएं, तो लपंटाचार्य जिदंगी भर के लिए अपनी लंपटई भूल जाएं! सुधीश पचौरी कवयित्री …
आगे पढ़ें »इस लोकतंत्र को क्या नाम दें — रामचन्द्र गुहा Ramachandra Guha (Photo: Bharat Tiwari) साल 2007 में भारत की आजादी की 60वीं सालगिरह…
आगे पढ़ें »छोटू — लव तोमर Luv Tomar भारी-भरकम पढ़ते पढ़ते हम ज़रूर किसी वजन-तले हो जाते हैं, यही कारण है कि ऐसे में कुछ ऐसा जो अच्छा साहित्य हो…
आगे पढ़ें »अनामिका की कवितायेँ Poems of Anamika इतिहास इतिहास मुझको नहीं चीन्हता, लेकिन मैं खूब जानती हूँ उसे। वह मेरी कक्षा का हीरो था! …
आगे पढ़ें »राजनीतिक दोगलेपन ढंकते नारों का पर्दा... Rajdeep Sardesai ‘हम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और आरएसएस को हराकर धर्मनिरपेक्षता का बचाव करने के …
आगे पढ़ें »न जाने कब ही क्या तुम मांग बैठो — गौरव सक्सेना "अदीब" प्रेम ही है एक अमर चीज़। प्रेम को पढ़ना प्रेम, देखना प्रेम, सुनना प्रेम..…
आगे पढ़ें »शेतकरी को यह विश्वास दिला दिया गया है कि धरती की उर्वर शक्ति को, उत्पादकता को बनाए रखने के लिए जरूरी हो गया है बढ़िया बीज और खाद। बीज, खाद और …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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