साँप वाला बॉक्स उठाया और फिर दौड़ा — शायद बिना ही साँसों के। और अबकी जो गिरा... लिखते जाओ इंदिरा दाँगी...लिखते जाओ. प्रिय लेखक यों ही नही…
आगे पढ़ें »अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता.. #PoetryI…
आगे पढ़ें »दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11 लोगों की खुदकुशी की घटना... ललित के साथ उसके परिवार के बाकी 10 सदस्यों का बर्ताव उन्हें 'शेयर्ड साइकोटिक …
आगे पढ़ें »भा ज पा कौ ड़े प्रधानमन्त्री के पकौड़ा से शुरू हुआ सफर मुख्यमंत्री के पान ठेला होते हुए युवा नेता की पाकेटमारी के रास्ते अब अचार तक पहुँ…
आगे पढ़ें »“दीदी! क्या सचमुच के डेविल होते हैं..?” बंटी ने सहज बालोचित्त जिज्ञासा से पूछा।” कहानी को दुबारा सुनने के बाद वह सहम गया था। “हाँ! दादी कहती ह…
आगे पढ़ें »यह अजीब कहानी है. कुहू को तो भैय्यू जी महाराज पारिवारिक कलह की वजह से लंदन भेज देना चाहते थे. अब कुहू को ही विलेन बनाने की कोशिश ... — संतो…
आगे पढ़ें »छूट गयी डाल — प्रयाग शुक्ल हाथ से छूट गयी डाल कहती हुई मानो, नहीं, और मत तोड़ो फूल बहुत हैं जितने हैं हाथ में कुछ कल की सुगंध के…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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