भारत एक नदी मातृक देश है। यहाँ की तमाम बड़ी छोटी नदियों ने ही अपने अपने तटों पर हज़ारों बरसों से नाना सभ्यताओं और परंपराओं को उपजाया और सींचा…
आगे पढ़ें »मैं एक नया मुकाबला दूंगा — ए आर रहमान — भरत तिवारी (आज के नवोदय टाइम्स में प्रकाशित) http://epaper.navodayatimes.in/1355186/…
आगे पढ़ें »धर्महीन — सोनिया बहुखंडी गौड़ स्त्री का अपना कोई धर्म नही होता सभी स्त्रियों की नही होती सुन्नत सिंक में बर्तन मांजते वक़्त बहते …
आगे पढ़ें »पंडित क्षितिपाल मल्लिक ध्रुपद उत्सव — भरत तिवारी (आज के नवोदय टाइम्स में प्रकाशित) http://epaper.navodayatimes.in/1351611/The-Navoda…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण: पार्ट 2 आप भी गजब ही ढा रहे हैं। क्या झमाझम माहौल है। नयनाभिराम। आप हैं कि इनको फैक्टरी का मजद…
आगे पढ़ें »पाठक जब एकदम से लेखक के लिए चिंतित हो, और अपनी चिंता को संपादक के ज़रिये लेखक तक पहुंचाए, तब वह सिर्फ अपने लेखक से ही मुखातिब नहीं होता, वह उन स…
आगे पढ़ें »विपश्यना — सत्येंद्र प्रताप सिंह — संस्मरण हम दुखी इसलिए हैं क्योंकि हम सुखद और दुखद संवेदनाओं के प्रति जाने बगैर प्रतिक्रिया देते हैं। वि…
आगे पढ़ें »आशा भोसले - नायिका से नर्तकी... — तेजेन्द्र शर्मा हिन्दी सिनेमा के गीतों का सुनहरी काल 1949-1975 माना जाता है। इस काल में नौशाद, शंकर ज…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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