सेक्स सिर्फ एक पहलू-भर है, संपूर्ण स्त्री विमर्श नहीं। पर आजकल लगता है कि स्त्री-विमर्श का मतलब सिर्फ सेक्स-भर ही है... मैं कभी किसी गुटब…
आगे पढ़ें »गांव की कहानी, गांव के पत्रकार – गांव की सेल्फी गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिंहा ने दिल्ली में एक समारोह में 'गांव की सेल्फी&…
आगे पढ़ें »छावनी में बेघर - अल्पना मिश्र बाहर जो हो रहा होता है, वह मानो नींद में हो रहा होता है। जो नींद में हो रहा होता है, वह बाहर गुम गया-सा लगत…
आगे पढ़ें »रजनी - मन्नू भंडारी (मध्यवर्गीय परिवार के फ़्लैट का एक कमरा। एक महिला रसोई में व्यस्त है। घंटी बजती है। बाई दरवाज़ा खोलती है। रजनी का प्रवेश।…
आगे पढ़ें »दयानंद पांडेय की कवितायेँ अपनी कहानियों और उपन्यासों के मार्फ़त लगातार चर्चा में रहने वाले दयानंद पांडेय का जन्म 30 जनवरी, 1958 को गोरखपुर ज़…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin