तारीखी तस्वीर — मुकेश भारद्वाज आमार शोनार बांग्ला, आमि तोमाए भालोबाशी. (मेरा सोने जैसा बंगाल / मैं तुमसे प्यार करता हूं) ...रवी…
आगे पढ़ें »प्रताप सोमवंशी की ग़ज़ल Pratap Somvanshi Ki Ghazal उलझ रहा हूं, सुलझ रहा हूं, उजड़ रहा हूं, संवर रहा हूं जितना खुद में डू…
आगे पढ़ें »Photo (c) Krishna Sobti कृष्णा सोबतीजी की "मार्फ़त दिल्ली" पढ़ रहा हूँ. मैं, साहित्य आदतन तोड़ा धीरे-धीरे ही पढ़ता हूँ. और तब तो …
आगे पढ़ें »लोग आपके खाने मे शौच मिला रहे हैं — अभिसार शर्मा अभिसार शर्मा अपने फेसबुक से पर्दाफाश करते हैं: मानो सामूहिक सम्मोहन किया गया हो. आज स…
आगे पढ़ें »आयो बूढो बसंत कांग्रेस दफतर में ... :: सुबह सवेरे में ब्रजेश राजपूत: ग्राउंड रिपोर्ट सोचा तो था कि इस ग्राउंड रिपोर्ट का शीर्षक बगरौ …
आगे पढ़ें »AMU से कंट्रोवर्शियल स्टोरीज़ और स्ट्रींगर्स ठेकेदार — सय्यदैन जैदी मैं कई साल AMU में रहा कई बार यूनियन के कार्यक्रम में शामिल हुआ.…
आगे पढ़ें »ज्ञान गुणसागर की प्रार्थना रविवासरीय हिंदुस्तान से... ऐसे समय में जब आधुनिकता और पश्चिमीकरण की दौड़ में हम अपनी प्राचीन भक्ति और धर…
आगे पढ़ें »प्रेम का ज़ख़्म तो वैसे भी सदा गहराता है...हरा रहता है ताउम्र...जैसे रहता है नीम के दरख्त पर झूमते पत्तों का रंग दूर देस की पाती - 1 …
आगे पढ़ें »कुछ भी ‘अतिरिक्त’ उन्हें पसंद नहीं था। न ही किसी भावना का भावुक प्रदर्शन करते थे। न रंगों-शब्दों की फिजूलखर्ची रामकुमार के यहां है। सौ टका…
आगे पढ़ें »जावेद मुस्कुराए। “ठीक है। चलो तुम्हें खाना खिलाता हूँ। साथ में जी भर कर तुम मुझे ताने खिला देना। ” मीरा हिचकिचाई। शायद मनु फ़ोन करे। उसे बाल भी…
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