शमशाद हुसेन शुरू में अंग्रेजी कम बोल पाने की हीन भावना पर बोले, बताया कि किशोरावस्था में गुंडागर्दी भी करता था
~ विनोद भारदवाज
शमशाद हुसेन से जब मैं शुरू में मिला था, तो वो अपने नाम के साथ हुसेन लगाने से ऐतराज़ करते थे. आखिर पिता इतना प्रसिद्ध हो तो कलाकार की राह चुननेवाले बेटे को अपनी पहचान बनाना मुश्किल हो जाता है. पर पिछले कुछ सालों से वे हुसेन नाम को ले कर परेशान नहीं होते थे. वालिद साहेब के कई दिलचस्प संस्मरण बताते थे. एक बार लंदन से उनका फ़ोन आया, पूछ रहे थे क्या कर रहे हो? बेटे ने कहा लड़की से बात कर रहा हूँ. वे बोले, अच्छा काम कर रहे हो. यानी की तुम रम नहीं पी रहे हो.
शमशाद ओल्ड मोंक रम के ज़बरदस्त शौक़ीन थे. स्कॉच दोस्तों को पिलाते थे पर खुद ओल्ड मोंक को ही पीते थे. ओल्ड मोंक वाले उनकी तस्वीर नाम में हुसेन लगा कर विज्ञापन से खूब मुनाफा कमा सकते थे.
दूरदर्शन के लिए के.बिक्रम सिंह जब कलाकारों पर 13 फिल्में बना रहे थे तो मैं उन फिल्मों का सब्जेक्ट एक्सपर्ट था. मैं कैमरे के सामने किसी कलाकार पर बोलने के लिए मना कर देता था पर शमशाद पर मैं कैमरे के सामने बोला. उनसे हमने जो बातचीत की उसमें उन्होंने अपनी इमेज की कोई परवाह नहीं की. शुरू में अंग्रेजी कम बोल पाने की हीन भावना पर बोले, बताया कि किशोरावस्था में गुंडागर्दी भी करता था, हाथ में चेन ले कर लड़ने चला जाता था. दूसरे कलाकार अपनी इमेज को ले कर चिंतित रहते थे. एक ने कहा स्विमिंग पूल वाला मेरा फोटो हटा दो. आदि आदि.
हुसेन की पिछली 17 सितम्बर को जन्म शताब्दी पर धूमीमल गैलरी में मैं एक कविता कार्यक्रम का क्यूरेटर था. शमशाद बीमार थे यह हम सब जानते थे. मैं खास तौर पर उनके घर गया, निमंत्रण देने तो वो सो रहे थे. जागते ही कमरे में बुलाया और पतलून पहन कर बाथरूम से निकले, बोले इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के बार में चलते हैं. वहां वे बाहर खुले में बैठते थे ताकि सिगरेट पी सकें. हेल्थ वार्निंग्स की परवाह करना वे छोड़ चुके थे. ओल्ड मोंक आर्डर करने की ज़रुरत नहीं थी, वेटर खुद ही रख गया. 17 को शमशाद समय पर कार्यक्रम में आ गए. कवितायेँ सुनते रहे. नवंबर में अपने भतीजे सलामत की शादी का कार्ड दिया. दो दिन बाद खबर मिली, वे हॉस्पिटल में हैं. डॉक्टर्स ने बचने की उम्मीद छोड़ दी है. कल उनके न रहने की खबर मिली.
यंग मोंक चला गया.
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