![Kavita - Akhileshwar Pandey हम किस खबर की प्रतीक्षा में हैं...?](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh-pOaD9c0KDR9H_1v1tznNCVJV277Z78p_1wmybH0IbHim2mAP1BF9E_qmIe244wJUg1LAL7NiuCU1sv7YGly4IrfBIgFc4QHajh2R4Q2O0B9rmkl_eM2at9Pxhkxj2CKIUnqbFY3T-XJm/s1600-rw/bharat-tiwari-photograph-photography.jpg)
Kavita - Akhileshwar Pandey
हम किस खबर की प्रतीक्षा में हैं...?
अब कोई भी खबररोमांचित नहीं करती
बड़ी नहीं लगती
उत्तेजना से परे
बर्फ की तरह
ठंडी लगती है
टीवी की स्क्रीन पर अंधेरा है
नेताओं की ग्लैमर की तरह ही
विकास का मुद्दा अब बासी हो चला है
किसानों-मजदूरों का जहर खा लेना
या लगा लेना फांसी भी
विज्ञापन से भरे पेज पर छिप जाता है
चारों तरफ सन्नाटा है
शोर सुनायी नहीं पड़ता
देशभक्ति, राष्ट्रवाद चरम पर है
इंसानियत खामोश है
एकदम तमाशबीन बनकर
कानून के नुमाइंदे ही
कानून तोड़ रहे
सब चुप हैं
राष्ट्रद्रोही कौन कहलाना चाहेगा भला?
किसी से सहमत होना
गिरोहबंदी है
साथ होना लामबंदी
नपूंसकता की परिभाषा
हिजड़े तय कर रहे हैं
सीना का पैमाना 56 इंच हो गया है!
गुंगे फुसफुसा रहे हैं
बहरे सुनने लगे हैं
लंगड़ों की फर्राटा दौड़ हो रही है
हम किस खबर की प्रतीक्षा में हैं...?
सुनो लड़कियों!
शोर नहींधीमे बोलो
ऊंची आवाज
शोभा नहीं देता तुम्हें
इतना तेज चलने की आदत
ठीक नहीं तुम्हारे लिए
ये क्या
अभी तक रोटी सेंकना भी
सीखा नहीं तुमने
अरे बाप!
आलू के इतने बड़े टूकड़े
कोई पुरुष पसंद नहीं करता
जाओ
गिलास में पानी भरके
बाप-भाईयों को पिलाना सीखो
शरबत, चाय, कॉफी बनाना
अच्छा हुनर है, लुभाने के लिए
यह तो आना ही चाहिए
जींस-टी शर्ट पहनकर
रिश्तेदारों के सामने
आना भी मत कभी
अखिलेश्वर पांडेय
संपर्क : 8102397081![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjhigg2t5JIQT0bIFLJvvVw8gxF0zcypKlotZBImPg9SP-UmjVLEhN1arlwM3gK_3RQGi6HcCfJ1ou6JtibepbQ27w_HYKukiE7Uatyh4xfp06BebimRZIrEnNkqYjFNqn2fU31sIU3umaK/s320-rw/%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%2596%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B0-%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A1%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25AF-Akhileshwar-Pandey.jpg)
ई मेल : apandey833@gmail.com
संप्रति : प्रभात खबर, जमशेदपुर (झारखंड) के संपादकीय विभाग में कार्यरत.
सलवार-शूट
साड़ियां पहनना सीखो
जब कोई बोले
'जी' बोलो-हौले से
नजरें झुकी हो
जब कोई हो सामने
मुंह खोलकर हंसना
अच्छा नहीं माना जाता
जाओ, जाकर
करो शिव आराधना
तभी मिलेगा
तुम्हें अच्छा वर
अच्छा दांपत्य चाहिये तो
पूजो भगवान विष्णु को
और ये हर समय
हाथ में मोबाइल
क्या ठीक लगता है तुम्हे?
फेसबुक, वाट्सअप
क्या करना इन सबका
औरत ही रहो तो अच्छा
पढ़ो, नौकरी करो
शादी करो
बच्चे पैदा करो
खूब मेहनत करो
सबको खुश रखो
इतना ही करना है तुम्हें
सुनो लड़कियों!
बचपन से बुढ़ापे तक
यही तो सिखाया जाता है तुम्हें
क्या वाकई
इन सब बातों से
सहमत हो तुम...?
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