सुरों पर परवीन का कंट्रोल अतुलनीय है, कुछ कुछ फाइटर पायलट का फ्लाइट पर कंट्रोल जैसा
परवीन सुल्ताना, जिनकी कशिश भरी आवाज के चाहने वालों में, सिर्फ शास्त्रीय संगीत प्रेमी ही नहीं बल्कि भिन्न-भिन्न संगीत को चाहने वाले भी शामिल हैं, उनके चाहने वालों को मारूफा बेगम, परवीन की मां, को शुक्रिया कहना चाहिए और उनसे सीख भी लेनी चाहिए। सच्चाई यह है कि हम परवीन सुल्ताना की आवाज़ को आज इसलिए सुन पा रहे हैं क्योंकि: परवीन जब बहुत छोटी थी, तब एक रोज वह अपने पिता, इकरामुल मजीद की गोद में बैठी कुछ गुनगुना रही थी, उनकी आवाज को सुनकर मां बहुत प्रभावित हुई, और उनके संगीतकार पिता से परवीन को संगीत की शिक्षा देने को कहा। पिता, एक सख्त गुरु, से शुरू हुई संगीत की तालीम ने बढ़ते बढ़ते उन्हें वह बेगम परवीन सुल्ताना बना दिया, जिनकी आवाज़ का जादू बुधवार की शाम श्रोताओं को सम्मोहित किए रहा।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZBa8HevXntkGgnmxJlCwmxp7jOzG8-gJMdVwUImKREEqd4NDCR579LRVgiv9swNIkoEiPseHP5mpT3ozAriILrd_WkURIys7vpJIV9W1L1pEjy4Cvxp6k5gxGKS1rqKQL3YJm7tGhdjSo/s320-rw/%25E0%25A4%2589%25E0%25A4%25AA+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%2596%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25B7+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2594%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25A6+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B5+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A7%25E0%25A5%2581+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2587+%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258B+%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25A8+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25A3+bharattiwariphotography.jpg) |
Manish Sisodia & Sindhu Mishra |
शास्त्रीय संगीत के लिए
दिल्ली सरकार जिम्मेदार और सजग रहती आई है, और यह देखना सुखद है कि वर्तमान दिल्ली सरकार भी संगीत के प्रति अपनी इस जिम्मेदारी को निभा रही है। दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में
साहित्य कला परिषद के सालाना
दिल्ली शास्त्रीय संगीत समारोह का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री
मनीष सिसोदिया और परिषद सचिव
सिंधु मिश्र ने
गिरिजा देवी को श्रद्धा सुमन अर्पण से किया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhqJpYnN3RR8_XVRZRpsJID1XCIeT7_9LQYrfIoNmkpiKOUd76LuqJ8HH12q6hIaZX6efxLeoEOLVO0kYA3pcNkj0Jx07GUwFOaIxUcP7Dbt8dAR10yiLomx83Y3xzXZ2E_yophoLtcRFar/s320-rw/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25A8+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+2+bharattiwariphotography.jpg) |
Parveen Sultana |
परवीन सुल्ताना ने गिरिजा देवी जी को याद करते हुए, बताया कि किस तरह अप्पाजी उनसे '
मारू बिहाग' सुनाने को कहती थीं, और इसी को अप्पाजी को समर्पित करते हुए, उन्होंने शाम की शुरुआत की। सुरों पर परवीन का कंट्रोल अतुलनीय है, कुछ कुछ फाइटर पायलट का फ्लाइट पर कंट्रोल जैसा। और यह अगली तराना प्रस्तुति में दिख भी रहा था। अपनी प्रस्तुति का समापन उन्होंने, श्रोताओं की मांग पर, बहुचर्चित भवानी से किया। तबले पर
मिथलेश झा ने बेहतरीन संगत देते हुए परवीन सुल्ताना और श्रोताओं दोनों की वाह पाई। हारमोनियम पर
परोमिता मुखर्जी ने संगत दी।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiPz4bDRj8cwvt_jekXjQSLvxZBQFVH_BeARmR80Yh3NwQFa5VT62tR4sHtFrhsVYMxNtBLJeXV75tO9xwl0qwfOvXk91DpB53bGKTLqzNutq9FHb0yV8vniUi6FLECa9NT71w0_Lm4-p7q/s320-rw/%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A6+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2596%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+bharattiwariphotography.jpg) |
Murad Ali Khan |
शाम की अगली पेशकश मुरादाबाद घराने के
मुराद अली और
फतेह अली की जुगलबंदी थी। सारंगी खानदान की छठी पीढ़ी के जुड़वा भाइयों में से फतेह सितार वादन के महारथी हैं, धारवार घराने के फतेह ने सितार की शिक्षा श्री सतीश कुमार जी से प्राप्त की है। सारंगी उस्ताद मुराद अली खान की युवा वादकों को मंच देने की की कोशिशें सारंगी के भविष्य को समृद्ध बना रही हैं।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj7weN2jxzNXRWAm-JU-XYfTDtIPxg2cps6pv-TQjA8eOtlhLOa7OyAc5JNq5-VtRsaNkVCsIRYQe5F6tfIrTsg9tMO_tQwCigoKvFfq3Sie9EN_dkILg7z2XjHaAgMibXda7YSzIRahV7i/s320-rw/%25E0%25A4%25AB%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B9+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+bharattiwariphotography.jpg) |
Fateh Ali Khan |
अली बंधुओं ने भी अप्पाजी को श्रद्धांजलि देते हुए मारू बिहाग से शुरुआत की। 5-6 हफ्तों पहले मुराद अली ने गिरिजा देवी को इसी कमानी ऑडिटोरियम में संगत दी थी, अप्पाजी के साथ वो पिछले कई वर्षों से सारंगी बजाते रहे हैं, और अपनी कला के वर्तमान रूप के पीछे वह उनके अलावा
शुभा मुद्गल और
उस्ताद राशिद अली का बड़ा आशीर्वाद मानते हैं।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhsEMp7hoxnbhdvjGCcR3LGCDXNGYcftIlqI2Sm0R2BYZWfzaIX9k5RF-QGWyNSIQBN8Z-9iz27aEeFcA4gk6M_5lPizi5zI_5JiRS0v2ok-gQsXnAO6zQF6jAphEil4dHh7Z8_TI7TiBK5/s320-rw/%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25B6+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+bharattiwariphotography.jpg) |
Dr Aneesh Pradhan |
सारंगी पर उस्ताद मुराद अली, और सितार पर फतेह अली की जुगलबंदी को
डॉ अनीश प्रधान की तबले पर संगत गज़ब की खूबरसूरती देती रही। स्वरमण्डल पर
सुहेब हसन ने भी अच्छा साथ दिया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaAsxdjKkdZo8YgAizFV0tu0non4wWmtosUnU3GH6F0Yk6AxSz_Qva8dEq22UbSAlQvlXB7l5yNBoidgomIiZWqmFvfmbxH_ffC48ZiOp4N6ZRMMkywWJwa_lYR5mSv4dpfwEU0u9g8097/s320-rw/%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%2589%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A6+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A6+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580%252C+%25E0%25A4%2594%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25AB%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B9+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25AC%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258B+%25E0%25A4%25A1%25E0%25A5%2589+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25B6+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2580+%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25AC%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2587+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25A4+bharattiwariphotography.jpg) |
Dr Aneesh Pradhan, Murad Ali and Fateh Ali Khan |
जब मुराद अली खान की सारंगी अंतिम प्रस्तुति के समय गिरिजा जी को याद कर रही थी तब पूरे हाल का माहौल ऐसा नम हुआ कि उस बंदिश के लिए शब्द नही हैं, श्रधांजलि अप्पाजी!
वीरवार को पंडित अजॉय चक्रवर्ती का गायन और अजय व राजेन्द्र प्रसन्ना का बांसुरी वादन है; दिल्ली के शास्त्रीय संगीत प्रेमी, समारोह का आनंद 29 अक्टूबर तक हर शाम 6.30 बजे उठा सकते हैं।
0 टिप्पणियाँ