सिर्फ एक दिन - रवीन्द्र कालिया Ravindra Kalia's First Hindi Story सिर्फ एक दिन’ मेरी पहली प्रकाशित कहानी है और ‘नौ साल छोट…
वर्तमान साहित्य "अगस्त-सितम्बर 2014" सलाहकार संपादक: रवीन्द्र कालिया | संपादक: विभूति नारायण राय | कार्यकारी संपादक: भारत भारद्…
सरदार खुशवंत डैड, और आगे छोटे अक्षरों में प्रकाशित होगा : गत शाम 6 बजे सरदार खुशवंत सिंह की अचानक मृत्यु की घोषणा करते हुए अफसोस हो रहा है। वह अपने…
दस्तख़त शीरीं-फ़रहाद, लैला-मजनू, जसमा-ओडन, देवदास-पारो आदि, त्याग, मृत्यु और समर्पण की लोमहर्षक कृतिया…
इस बात को ज़्यादा वक्त नहीं हुआ, जब भारत के अधिसंख्य नगरों में यातायात के साधन इक्के और ताँगे और बाइसिकल ही हुआ करते थे। उससे भी पहले घोड़ों और हाथ…
ग़ालिब छुटी शराब, शेखर - एक जीवनी, गुनाहों का देवता, राग दरबारी और जॉनाथन लिविंग स्टोन सीगल में क्या चीज़ कॉमन है ? ये उन पुस्तकों के नाम हैं - जिन्ह…
फेसबुक किसी महानगर के उपनगर की तरह हैं। इसमें अट्टालिकाएँ हैं, मॉल, बार और मैट्रो के अलावा हर माडल की गाडिय़ाँ, टैक्सियाँ, मोटर साइकल, स्कूटर, ऑटो,…
जिस गति से वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति हो रही है, नयी से नयी तकनीकि का आविष्कार हो रहा है, संचार में अभूतपूर्व क्रान्ति आयी है, उस गति से हमारे सम…
औद्योगिक क्षेत्र में चाहे चीन अन्य एशियाई देशों से कहीं अधिक उन्नति कर गया हो परन्तु उसकी सामाजिक संरचना अन्य विकासशील देशों से भिन्न नहीं है। कई म…