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असग़र वजाहत : दोनों सांप्रदायिक शक्तियां मुखर रूप में सामने आ चुकी हैं
फ़ासिज्म का जहर बड़ा मीठा होता है - विभूति नारायण राय | Fasijm, the Sweet Poison -  Vibhuti Narayan Rai
बतरा जी के पाठ - क़मर वहीद नक़वी Beginning of Fundamentalist Religious Resurrection  -  Qamar Waheed Naqvi
ग़लती बाबा और 'हड़बड़ पार्टी' की गड़बड़! - क़मर वहीद नक़वी
The Invisible Wave - Qamar Wahid Naqvi | सेकुलर फ़ेस क्रीम ले लो, दिन में बारम्बार रंग बदलते कुरते ले लो - क़मर वहीद नक़वी
क़मर वहीद नक़वी - किसी बलात्कारी से किसी मुसलमान को कोई सहानुभूति नहीं है A Muslim has no sympathy for any Rapist - Qamar Waheed Naqvi
एक चुनाव और क़िस्मत की दो चाबियाँ! - क़मर वहीद नक़वी | Qamar Waheed Naqvi on Election 2014

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ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
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