सच बोलना अच्छी बात है – हम सब ये जानते हैं. अधिकतर हम ये मान कर चलते हैं कि हमसे जो बात कही जा रही है वो सच ही है, लेकिन इसका नाजायज़ फा…
आगे पढ़ें »हिंदी विवि में ‘राइटर-इन रेजीडेंस’ संजीव को दी गई विदाई वर्धा, 13 मार्च, 2013 महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के फैकल…
आगे पढ़ें »आज से करीब ३५ वर्ष पहले जब साहित्य अकादमी अध्यक्ष श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 'दस्तावेज़' के संपादक थे उस वक्त अवधेश निगम जी, कुमा…
आगे पढ़ें »पितृसत्ता का पिता या पुरुष से सम्बन्ध राजेश शर्मा "पितृसत्ता धोखा है, धक्का मारो मौका है" पिछले दिनों यह जुमला सोशल मिडिया मे …
आगे पढ़ें »बेहिसाब बारिश तिस पर निर्दयी जाड़ा जाने हमने हाय इसका क्या बिगाड़ा इस कदर बरसा ये बादल भीग गयी रूह पूरी निचुड़ गया रोम-रोम उठ गयी है य…
आगे पढ़ें »उसके चेहरे से ही नहीं अंग-अंग से, पोर-पोर से जीत की खुशी छलक रही थी। उसका बरसों का संजोया सपना जो पूरा हुआ था। उसकी दो बरसों की साधना का परिण…
आगे पढ़ें »खोल धारा 144 थी, नई दिल्ली के संवेदन-शील इलाकों के मेट्रो स्टेशन अगली सुचना तक कई दिन से बंद थे । एक बहुत ही संवेदन-शील बाराखम्बा बस-स्टॉप पे …
आगे पढ़ें »फिज़ा में फैज़ कथाकार प्रेम भारद्वाज (संपादक पाखी) आपमें से किसी ने सुनी है पचहत्तर साल के बूढ़े और तीस साल की जवान लड़की की कहानी। न…
आगे पढ़ें »आलोचनात्मक ढंग से चर्चा में आयी अनुराग कश्यप की दो भागों में पूरी हुई फिल्म गैंग ऑफ वासेपुर से एक बार फिर हिन्दी सिनेमा में सिने-भाषा को लेकर ब…
आगे पढ़ें »अरविन्द कुमार 'साहू' खत्री मोहल्ला, ऊंचाहार राय बरेली - 229404 फाल्गुनी मुक्तक (1) कहीं अपना सा लगे ,कहीं पराया फागुन । आम के बौ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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