सहज सरल स्वभाव की विदुषी ज़किया जी को बचपन से ही सृजनात्मक लेखन एवं चित्रकारी में रुचि रही है। आप हिंदी, अंग्रेज़ी एवं उर्दू तीनों भाषाओं में समान…
आगे पढ़ें »बक्सर, बिहार के 76 वर्षीय डॉ० बच्चन पाठक 'सलिल' का लेखन उनके उपनाम सलिल की तरह पानी के समान है, किसी भी विचारधारा से अप्रभावित. 1968 मे…
आगे पढ़ें »कथा यू.के. की नवीनतम साझी कथा गोष्ठी (01 जून 2013) में वरिष्ठ उर्दू कहानीकार मोहसिना जीलानी ने अपनी संवेदनशील कहानी ‘ दरवाज़ा खुला रखना ’ का पाठ…
आगे पढ़ें »आज के समय में सच के लिए लड़ने वाले और निर्भयता से झूठों के चेहरों का पर लगी नक़ाब उतारने इन्सान विरल हैं. राजनीति, पैसा, झूठी शान आदि समाज पर इतन…
आगे पढ़ें »जनसत्ता संपादक श्री ओम थानवी के स्तम्भ ' अनंतर ' में अपने आंशिक जिक्र के प्रतिवाद में श्री आशुतोष कुमार ने एक लम्बा आलेख 'जनसत्ता&…
आगे पढ़ें »साहब, मैं असत्यानंद किस्सागो हूं. अभी जो स्टोरी मैं आपको सुनाने जा रहा हूं, वह सौ प्रतिशत सच है. आप मुझ में विश्वास रखें और इस स्टोरी से सीख ले क…
आगे पढ़ें »शैलेन्द्र कुमार सिंह एम्.ए.पी-एच .डी(हिंदी ) हिंदी ,प्राध्यापक ,राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक विद्यालय , बहोड़ा-कलां गुडगाँव (हरियाणा )-१२२४१३ …
आगे पढ़ें »सुमन कुमारी बीएड, एम.ए, हिंदी जर्नलिज्म (डिप्लोमा ) विभिन्न कविता 'लोकसत्य अखबार' 'युध्दरत आम आदमी पत्रिका' 'संघर्ष संवा…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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