तीनमूर्ति भवन सभागार, नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2013 साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का वर्ष 2012 का ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ तेलु…
आगे पढ़ें »" सत्य बोलने का कोई समय नहीं होता । सत्य बोलने का जो समय चुनता है वो सत्य नहीं झूठ बोलता है । " अध्यादेश फाड़ने के बाद से राहुल गांधी रा…
आगे पढ़ें »अभी कुछ ही दिन पहले हमारे सामने एक परिदृश्य था जिसमें आसाराम बापू के चारों ओर उनके भक्तों का कवच इतना अभेद्य था, मानो वह कवच ही अपने में एक समग्र सं…
आगे पढ़ें »हिंदी साहित्य इन दिनों पुरस्कार विवाद से गरमाया हुआ है । इस गरमाहट की आंच हिंदी से जुड़े लोग अच्छी तरह से महसूस कर रहे हैं । हिंदी के महान साहित्यका…
आगे पढ़ें »ब्रिटेन के प्रमुख साहित्यकार तेजेन्द्र शर्मा ने कहा कि “ब्रिटेन के हिन्दी साहित्यकारों का उद्देश्य होना चाहिये कि उनका साहित्य ब्रिटिश हिन्दी साहि…
आगे पढ़ें »स्त्री विमर्श और आत्मालोचन मैत्रेयी पुष्पा इस शब्दयुग्म से बहुत से लोगों का साहित्यिक जायका कड़ुवा हो जाता है। अगर ऐसा अनुभव है तो यह कोई विचित…
आगे पढ़ें »बेमिसाल गज़लकार श्री प्राण शर्मा की गज़लों को चाहने वालों के लिए उनकी दो ताज़ा गज़लें घर - घर में खूब धूम मचाती है ज़िन्दगी क्या प्यारा - …
आगे पढ़ें »यह कैसी विडंबना कैसा झूठ है दरअसल अपने यहां जनतंत्र एक ऐसा तमाशा है जिसकी जान मदारी की भाषा है [ धूमिल ] मदारी का मायाजाल प्र…
आगे पढ़ें »“ बस, अब यह पाइन-ब्रुक वाला रास्ता ले लीजिए । ट्रैफ़िक - लाइट पर बांये, अगली ट्रैफ़िक – लाइट पर दांये, और इसी सड़क पर सीधे चलते जाओ जब तक कि……।” …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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