मंथन भारत में बलात्कार की दिन ब दिन बढती जा रही घटनाएँ अब वीभत्स रूप ले चुकी हैं । इन घटनाओं का रूप तब कुछ और घिनौना हो जाता है जब भारत भ्रमण क…
आगे पढ़ें »कहानी लाल डोरा महेन्द्र भीष्म लोगों में दहशत व्याप्त थी । यह दहशत किसी प्राकृतिक आपदा की पूर्व चेतावनी वाली नहीं थी जिसे मौसम वैज्ञानिक रेडि…
आगे पढ़ें »कुछ रोज़ पहले हतप्रभ था कि लोग बीते दिनों आसाम में हुई हत्याओं की तुलना पेशावर में हुई बच्चों की हत्या से अजीब ढंग से कर रहे थे, समझ नहीं आया कि क्या…
आगे पढ़ें »यह भोपाल के साथ, भोपाल गैस त्रासदी के साथ, स्वाति तिवारी जैसे लोगों का न के बराबर होना ही है जो पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है. यही कारण है कि…
आगे पढ़ें »सीहोर । साठोत्तरी हिंदी कविता के यशस्वी कवि जनार्दन शर्मा की पुण्यतिथि पर हर वर्ष होने वाली पुण्य स्मरण संध्या का आयोजन इस वर्ष भी 19 जनवरी को किया…
आगे पढ़ें »समीक्षा अंधेरे के सैलाब से रोशनी की ओर बढ़ती आत्मकथा भावना मासीवाल आत्मकथा ‘स्व’ का विस्तार है साथ ही स्व से सामाजिक होने की …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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