सहारा समय  यूपी/उत्तराखंड लाइव
 हम अपने दौर का समाज दिखा रहे हैं    - महुआ माजी
हम साहित्य से ही अनुभूति पाकर अधिक संवेदनशील हो सकते हैं - सीताराम येचुरी
"स्मिता पाटिल" की याद में लिखी "कृष्ण बिहारी" की कविता
कविता की रफ़्तार उबड़-खाबड़ जमीं पर तेज हो जाती है  - कल्याणी कबीर
रवीन्द्र कालिया  - दस्त़खत (अक्टूबर 2013)
किताबों पर तगड़ी छूट है आजकल फ्लिप-कार्ट (flipkart) पर
रवीश कुमार का 'सचिन' को खुला पत्र #Sachin #Ravish #SachinMakesMeSenti
आलोचक युवा पीढ़ी के बिम्बों को समझने में असमर्थ – पंकज सुबीर
48वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार तेलुगु कथाकार डॉ. रावूरि भरद्वाज को ravuri bharadwaja selected for jnanpith award 2012

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दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय
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गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना