हम दोनों के वार्तालाप में चाय ठण्डी हो चुकी थी, भावना की आवाज़ में एक भारीपन था। उसने कहा—“देखो न शेखर बाबू, अपनी बातों से आपको परेशान कर दिया मै…
आगे पढ़ें »देवेंद्र राज अंकुर: रंगमंच के विश्वकोश अजित राय
आगे पढ़ें »बिहारियों के विस्थापन और संघर्ष की कथा मृत्युंजय पाण्डेय सुपरिचित युवा आलोचक। रेणु साहित्य के गंभीर अध्येता। ज्यो…
आगे पढ़ें »ईदगाह: एक मासूम बच्चे की कहानी सोच रहा था कि आज ईद के मुबारक अवसर पर बधाई किस तरह दूं। बहुत सारे विकल्प ज़ेहन में आ रहे थे मगर दिल नहीं राज़ी ह…
आगे पढ़ें »प्रेम कहानियाँ पाठकों के दिल में अपने-अपने कारणों की वजह से उतरती रही हैं। उर्मिला शिरीष की ‘परिन्दों का लौटना’ भी एक वह कहानी है जिससे बहुत पाठक ज…
आगे पढ़ें »हंस मार्च, 1999 | Shabdankan | नोट: विनोद कुमार शुक्ल को 2024 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आगे पढ़ें »राजिंदर अरोड़ा की कविता 'डिजिटल कुंभ की संभावनाएँ' आपसे पूछ रही है, क्या इस युग में पानी भी डिजिटल हो सकता है। शब्दांकन पर पढ़ें यह खूब…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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