दीप्ति श्री 'पाठक' वर्तमान में 'हिंदी विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय', वाराणसी में हिंदी पत्रकारिता 'स्नातकोत्तर' की …
आगे पढ़ें »दैनिक समाचार पत्रों की मुख्यधारा की पत्रकारिता में साहित्य और संस्कृति पर विमर्श और बहस की परंपरा को …
आगे पढ़ें »सुबह हुई। उसे चाय की तलब लगी। पर उसके पास समय नहीं था। उसने सोचा, इतने असुरक्षित जीवन में किसी इच्छा का क्या महत्त्व, चाहे वह चाय पीने जैसी अदना…
आगे पढ़ें »मैं महाकवि निराला जी से मुखातिब हुआ था - प्राण शर्मा बाऊ जी ने कहा - " देख बेटे , हिंदी रत्न की परीक्षा तूने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर ल…
आगे पढ़ें »मुक्ति मन्नू भंडारी और अंततः ब्रह्म मुहूर्त में बाबू ने अपनी आखिरी सांस ली। वैसे पिछले आठ-दस दिन से डॉक्टर सक्सेना परिवार वालों से बराबर यही क…
आगे पढ़ें »सोनरूपा विशाल एम.ए (संगीत), एम.ए (हिंदी), पी .एच . डी आई सी सी आर एवं इंडियन वर्ल्ड कत्चरल फोरम (नयी दिल्ली ) द्वारा गजल गायन हेतु अधिकृत बद…
आगे पढ़ें »म्हारे डिग्गे की मुहब्बत सुधा राजे ""स्वीट हार्ट आई लव यू डार्लिंग"" सुनकर बङी चहक लहक के साथ इतराने लगी नई मेम साब। औ…
आगे पढ़ें »राग देश क्या विकास का मतलब सिर्फ़ जीडीपी, सड़क, लक़दक़ कारें, मेट्रो और शॉपिंग माल ही होता है? यह सब है, लेकिन सोच विकसित नहीं, तो सभ्यता के पायद…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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