कृष्णा सोबती : वैदिक है क्रान्ति : हशमत #KrishnaSobti


#KrishnaSobti
Photo (c) Bharat Tiwari

कृष्णा सोबती की कविता 

वैदिक है क्रान्ति

क्रान्ति
   क्रान्ति
   भारत में
   क्रान्ति
नहीं है यह
  कोई भ्रान्ति
यह महान
  धरना है
  वैदिक क्रान्ति
गायों को बचाओ
   और नागरिकों को मारो
   देवी देवताओं की
   यही है आज्ञा
ख़बरदार
  इसकी
  कोई न करे अवज्ञा
जितने पापी मारोगे
     उतने जन्मों में फल पाओगे
     भ्राताओं यह पुण्य हैं
     जन्म जन्मान्तर के लिए
     जो वैदिक विचारधारा के लिए
     करेगा यह क्रान्ति
उसे मिलेगी सम्पन्नता
 और
अगले जन्मों में
     शान्ति ही शान्ति
इस वैदिक यज्ञ में साथ दो

तुमको गहरा विश्वास हो
यह वैदिक समयों से उभरी है क्रान्ति
भक्तिभाव की तरंगों से
   देगी आपको शान्ति
   यह अनोखी क्रान्ति
   देगी आपको शान्ति
युगों के बाद
हो रही यह

हिंदुत्व की क्रान्ति —
  क्रान्ति क्रान्ति
यह वैदिक है क्रान्ति —
  क्रान्ति ही क्रान्ति
इस में कोई नहीं भ्रान्ति —
पवित्रता के नाम की
  यह वैदिक क्रान्ति
क्रान्ति ही क्रान्ति
कोई नहीं है भ्रान्ति
ॐ शान्ति शान्ति
और
     न कचहरी
     न पुलिस
     इत्ते अच्छे दिन
     इस देश पर
     फिर कब आयेंगे !


हशमत 
30 जून 2017


००००००००००००००००


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ