सुरेन्द्र मोहन पाठक #PulpSeries अगर आपकी उम्र 50-70 के बीच है, और आप हिन्दी के पाठक रहे हैं तो मैं बहुत हद तक तय मानूँगा कि आपने कभी न कभी हिन्दी के…
केवल कैन्डिल मार्च से किसी के दर्द को नहीं दूर किया जा सकता शरद कुमार पाण्डेय "शशांक" उप संपादक, राष्ट्रीय स्वरूप दैनिक समाचार पत्र।…
Ashok Vajpeyi Autobiography 5 मैंने सलाह भी बहुत दी हैं Ashok Vajpeyi Autobiography पढ़ें: पहला हिस्सा
'विपश्यना' उपन्यास में इंदिरा दांगी ने बहुत प्रभावित किया था। बीएचयू प्रोफेसर प्रभाकर सिंह की समीक्षा (Review Vipshyana Indira Dangi) पढ़ते …
Ashok Vajpeyi Autobiography 4 यह बात मुझे समझ में आ गयी थी कि मुक्तिबोध एक बड़े कवि हैं। इस बात से श्रीकान्त भी सहमत थे और इस बात से नामवर सिंह भी स…
3 मैंने न कभी बच्चों के लिए लिखा और न कभी बच्चे की तरह लिखा। कभी बाल पृष्ठ पर प्रकाशित नहीं हुआ। पत्रिकाओं में सीधे रचनाएँ भेजता था, बिना यह बताये …
मेरी समझ में नारी को कमतर मानते हुए उनपर शाब्दिक हमले करने वाले भी उतने ही बड़े अपराधी हैं जितना उनपर शारीरिक हमला करने वाला। पढ़िए गीताश्री का आग्नेय…
2 हमारे घर में किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं थी। एक आले में रामचरितमानस रखा होता था। ~ अशोक वाजपेयी
1 मेरे मन में जन्म को लेकर प्रसन्नता का भाव है। जाहिर है, जन्म के साथ संयोग और सौभाग्य इत्यादि भी जुड़े हैं, पर, मूल भाव प्रसन्नता और कृतज्ञता का ह…