इन्दिरा दाँगी के उपन्यास ‘विपश्यना’ की आलोचना | Critical review Indira Dangi's novel 'Vipshyana' विपश्यना : जीवन-सत्य का अन्वेषण डॉ व…
Love Poems in Hindi हम जानते हैं, जिसका अतीत नहीं होता, उसका भविष्य भी नहीं होता। जो केवल वर्तमान में रहता है, वह किसी प्रकार का रचनात्मक…
मार्क्सवाद का अर्धसत्य के बहाने एकालाप — पंकज शर्मा अनंत ने पूरी दुनियाभर के जनसंघर्षों को एक नया आयाम प्रदान करने वाले महानायक के निजी जी…
कहानी की समीक्षा कैसे करें | तंत्र और आलोचना — रोहिणी अग्रवाल ‘तेरह नंबर वाली फायर ब्रिगेड‘ रोहिणी अग्रवाल महर्षि दयानंद विश्…
उन्हें विश्वास है कि दिल्ली में रहता हूँ इसलिए कवि हूँ कविता का कुलीनतंत्र (5) — उमाशंकर सिंह परमार जब तक कवि अपनी जमीन में नहीं खड़ा …
बहुत से कवि ऐसे भी हैं जो न तो महानगरीय कुलीनता से मुक्त हुए न ही अपने जातीय सवर्णवादी संस्कारों से मुक्त हुए मगर अपने आपको "वाम" कह…
भाग-3: सत्ता और पूँजी के संरक्षण में विकसित जमीन से विस्थापित कविता का कुलीनतंत्र — उमाशंकर सिंह परमार यह समय विज्ञापन और प्रचार और समझौतों …
साम्प्रदायिकता विरोध की एक अवधारणा है कि "हिन्दुत्व की बुराई करना" जो हिन्दुत्व की बुराई करेगा वही धर्मनिरपेक्ष है। यह उथली समझ है…