वर्तमान साहित्य, साहित्य , कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 32 अंक 2 फरवरी, 2015 सलाहकार संपादक: रवीन्द्र कालिया…
यह अक्सर देखा गया है कि हिंदी में कोई एक कहानी किसी लेखक के साथ कुछ इस तरह बावस्ता हो जाती है कि जहां कहीं भी उस लेखक की चर्चा होती है वही एक कहानी …
गालिब छुटी शराब: एक लेखक का जीवन दर्शन सीमा शर्मा संस्मरण हिन्दी गद्य साहित्य की आकर्षक सुरूचिकर एवं आधुनिकतम विधा है। जीवन अभिव्यक्ति की…
वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 32 अंक 2 फरवरी, 2015 सलाहकार संपादक: रवीन्द्र क…
कबिरा हम सबकी कहैं पशु योनि के तोरण द्वार विभूति नारायण राय यह समझना बड़ा दिलचस्प होगा कि इस घर वापसी का मतलब क्या है? जाति व्यवस्था की ज…
वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका वर्ष 31 अंक 12 दिसम्बर, 2014 सलाहकार संपादक: रवीन्द्र कालिया संपादक: विभूति नारायण राय …
कबिरा हम सबकी कहैं बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है विभूति नारायण राय दुनिया भर की बेहतरीन शाक सब्जियां, फल और अन्न उत्…
वर्तमान साहित्य दिसंबर, 2014 मेरे मन में अनेक विचार उठ-गिर रहे हैं - भारत भारद्वाज ‘जा चुके थे जो बहुत दूर, …
भारत भी पाकिस्तान की तरह एक धर्माधारित राज्य अथवा हिन्दू राष्ट्र बन गया होता तो आज उसकी शक्ल क्या होती? उसमें रहने वाले शूद्रों, पिछड़ों या स्त्रिय…