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  'वर्तमान साहित्य'  फरवरी, 2015
चर्चित कहानी बनाम प्रिय कहानी - मामला आगे बढ़ेगा अभी : चित्रा मुद्गल
गालिब छुटी शराब: एक लेखक का जीवन दर्शन -  सीमा शर्मा
वर्तमान साहित्य फरवरी, 2015 - आवरण व अनुक्रमणिका
पशु योनि के तोरण द्वार  - विभूति नारायण राय
'वर्तमान साहित्य' दिसम्बर  2014
बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है - विभूति नारायण राय
मेरे मन में अनेक विचार उठ-गिर रहे हैं - भारत भारद्वाज
फ़ासिज्म का जहर बड़ा मीठा होता है - विभूति नारायण राय | Fasijm, the Sweet Poison -  Vibhuti Narayan Rai