सेक्स सिर्फ एक पहलू-भर है, संपूर्ण स्त्री विमर्श नहीं। पर आजकल लगता है कि स्त्री-विमर्श का मतलब सिर्फ सेक्स-भर ही है... मैं कभी किसी गुटब…
आगे पढ़ें »साहित्य-संस्कृति से जुड़ी संस्थाएं सिफारिश, दलाली के झांसों में आकर गलत काम करती हैं - मैत्रेयी पुष्पा शब्दांकन पर मैत्रेयी जी के चाहने वाल…
आगे पढ़ें »फेसबुक पर 'पाखी' के इस 'टॉक ऑन टेबल' पर बहसें चलती देख कर भी इसे पढ़ने की इच्छा नहीं थी। फिर देखा कि बहसों का रूप तल्ख़ होता जा रहा …
आगे पढ़ें »आचार्य विश्वनाथ पाठक का स्वर्गवासी होना पालि प्राकृत और संस्कृत अवधी भाषा के लिए अपूरणीय क्षति है सर्वमंगला के प्रणेता, साहित्य अकादमी पुरस्का…
आगे पढ़ें »संवाद आलोचना के जोखिम नामवर सिंह से कवि केदारनाथ सिंह की बातचीत Risks of Criticism Namvar Singh in Conversation with Poet Kedarnath S…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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