शिशु और शव का मिटता फर्क - प्रेम भारद्वाज
आयोजन: बंगीय हिन्दी परिषद्‍ -स्थापना दिवस
सिनेमा के सौ साल  की अनकथ कथा - डॉ. सुनीता
"वे हमें बदल रहे हैं..."  राजेन्द्र यादव | बलवन्त कौर
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी बने साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष
लघुकथा: "चाबी का गुच्छा" - डॉ अनिता कपूर
कवितायेँ - डॉ. अनिता कपूर
चोका - डॉ. अनिता कपूर
किसी एक फिल्म का नाम दो - ओम थानवी
दिव्या शुक्ला: तुम्हारे वज़ूद की खुशबू - कवितायेँ
कहानी "थप्पड़" ... श्याम सखा 'श्याम'
दो कवितायेँ - अनुपमा तिवाड़ी

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कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
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ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
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