दिल्ली विश्व.अविद्यालय के कुलपति के नाम प्रार्थनापत्र (कुलपति के नाम दूसरी चिटठी) अविद्या भारतीय दर्शन का एक शब्द है। यह अभावात्मक नहीं, भावात…
आगे पढ़ें »स्वांग वह कहानी है - जिसे पढ़ कर विजयदान देथा ने खोजबीन कर मेरा नंबर ढूँढा था, और फोन करके कहा था, “ यह ऎसी कहानी है जिसे मैं लिखना चाहता था...…
आगे पढ़ें »प्रेमचंद की जयंती के मौके पर हिंदी साहित्य की मशहूर पत्रिका हंस की सालाना गोष्ठी राजधानी दिल्ली के साहित्यप्रेमियों के लिए एक उत्सव की तरह होता है …
आगे पढ़ें »हरि ॐ ... मन तरपत हरि दर्शन को आज मोरे तुम बिन बिगरे सब काज .. जीवन के दर्शन को अपने कागज के कैनवास पर लिपिबद्द करने वाले मशहूर शायर और ग…
आगे पढ़ें »बचपन हर इक की आँखों का वो ध्रुवतारा होता है सच है प्यारे बचपन कितना प्यारा होता है उसका रूप सलोना जादू क्यों न …
आगे पढ़ें »पिछले दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय अनंत विजय की साहित्य की दुनिया में लगातार आवाजाही है । अनंत अपने समय के सवालों से टकराते हैं और उस मुठभेड़ …
आगे पढ़ें »के एन गोविन्दाचार्य हंस की सालाना संगोष्ठी २०१३ में "अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध" पर बोलते हुए
आगे पढ़ें »हमारे लोकतांत्रिक जीवन को हिंसा, धर्मांधता, सांप्रदायिकता, अनियंत्रित बाजार आदि से जितना खतरा है, हमारे बौद्धिक जीवन में बढ़ती संकीर्णता से उससे कम …
आगे पढ़ें »View Larger Map ― “अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध” ❐ दिनांक ▶ बुधवार, ३१ जुलाई २०१३ ❐ समय ▶ शाम ५ बजे ❐ स्थान ▶मुख्य सभागार, ऐवाने ग़ालिब, मा…
आगे पढ़ें »हाल के परिदृश्य में एक नया नज़ारा सामने आया है जिसमें अपनी जान पर खेल कर बाइकर्स आधी रात के बाद तेज गति से अपनी बाइक दौडते हुए, खतरनाक करतबों का अभ्…
आगे पढ़ें »वैधानिक चेतावनी: भावुकता विकास के लिए हानिकारक और मौजूदा दौर में असभ्यता है। गुजारिश है कि इसे वे नहीं पढ़े जो उदासी, दर्द, स्मृति, परंपरा को पिछड…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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