वह बहुत डरता है राजदण्ड से जितेन्द्र श्रीवास्तव की कविताएँ >>सरकारों के स्वप्न में वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का समय करी…
आगे पढ़ें »क्या यह इंसानी अहंकार नहीं कि वह इस सर्वोच्च सत्ता की मान रक्षा का दावा करता है? - अपूर्वानंद Apoorvanand apoorvanand@kafila.org …
आगे पढ़ें »नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ आपके लिए हिंदी अकादमी उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा का साक्षात्कार. हाल में ही दिनेश कुमार से हुई उनकी यह बातचीत '…
आगे पढ़ें »हर मामले में एक नाबालिग कच्ची उमर की अबोध बच्ची और पका हुआ खेला खाया नौजवान मर्द. आखिर कहीं तो कोई सिरा मिले जहाँ से सोचना शुरू किया जाय... …
आगे पढ़ें »हारती हुई मनुष्यता के पक्षधर पंकज - प्रो. मुरली मनोहर प्रसाद सिंह पंकज सिंह के प्रकाशित तीन संग्रहों में पहला संग्रह ‘‘आहटें आसपास’’ 1…
आगे पढ़ें »अब जब कि पंकज सिंह नहीं हैं - कुमार मुकुल अब जब कि मेरे प्रिय कवि पंकज सिंह हमारे बीच नहीं हैं उनकी कविताओं के निहितार्थ नयी अर्थवत…
आगे पढ़ें »रुका हुआ लम्हा - रमा भारती कवि के लिए चाँद से मुहब्बत ठीक वैसी ही मोहब्बत होती है जैसी उसकी अपनी मुहब्बत, जिसमें दूरी होते हुए भी नहीं …
आगे पढ़ें »सफल होती विदेश नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार संसद में जीएसटी बिल पास कराने में भले ही सफल न हो सकी हो, उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायध…
आगे पढ़ें »रूसी हमारे प्रधानमंत्री के सम्मान में राष्ट्रगान पेश कर रहे थे, मोदी जन-गण-मन की धुन ही नहीं पहचान पाए और आगे चल पड़े। उन्हें बांह पकड़ कर रोका गया…
आगे पढ़ें »'शब्द साधक शिखर सम्मान' वरिष्ठ कथाकार मन्नू भंडारी को दिया जाएगा इंडिपेंडेंट मीडिया इनीशिएटिव सोसायटी | पाखी हिंदी साहित्य का …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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